उधार की दवाओं से च्दर्दज् दूर कर रहा सिविल अस्पताल
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद एक

उधार की दवाओं से च्दर्दज् दूर कर रहा सिविल अस्पताल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद: एक ओर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन सिविल अस्पताल लिंजीगंज का अपना कोड तक नहीं बना सका है। कोड न बनवाने के पीछे खेल की वजह बताई जा रही है। जिस कारण चिकित्सालय नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साहबगंज से उधार में दवाएं ले रहा है। पर्याप्त दवा न होने के कारण मरीजों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती या फिर मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>दवाओं की काला बाजारी रोकने के लिए शासन ने सभी सरकारी चिकित्सालयों के कोड बनाने के लिए कहा है। ताकि उक्त कोड नंबर के आधार पर दवा मिल सके और प्रतिदिन पोर्टल पर दवा का वितरण और शेष दवा की जानकारी देनी होगी। इसके बावजूद सिविल अस्पताल ने अपना कोड नहीं बनाया है। जिस कारण अस्पताल नगरीय स्वास्थ्य केंद्र साहबगंज की आइडी से दवा ले रहा है। इस अस्पताल के फार्मासिस्ट रत्नेश ने सिविल अस्पताल द्वारा उनकी आइडी से प्रति माह दवा लेने की पुष्टि की है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कुछ कर्मचारी दवा अपने घर ले जाते हैं और मरीजों से कह दिया जाता है कि दवा उपलब्ध नहीं है। जिस कारण मरीज बाहर से दवा खरीदते हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आरिफ सिद्दीकी ने दवा लेने का कोड होने का दावा किया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अवनींद्र कुमार ने बताया कि शीघ्र ही सिविल अस्पताल लिंजीगंज की व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी। लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>यह नहीं है दवा<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>कफ सीरप, दर्द का ट्यूब, खुजली, बुखार, खांसी, जुखाम आदि।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>--<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>नहीं बदली जाती बेड की चादरें, एक्सरे मशीन खराब<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>च्जागरण टीमज् ने बुधवार को सिविल अस्पताल का हाल जाना तो मरीज अव्यवस्था से जूझते मिले। यहां पर बेड की चादरें गंदी मिली। जब कि प्रतिदिन चादर बदलने के आदेश हैं। सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लेबर रूम लगाने से गंदगी पड़ी रहती है। मैनुअल एक्स-रे मशीन खराब होने के कारण डिजिटल एक्स-रे मशीन मंगवाई गई, लेकिन मशीन का प्रिंटर न होने से एक्स-रे नहीं होते। हालांकि जिन मरीजों के पास एंड्रायड मोबाइल होते हैं तो उनके मोबाइल पर एक्स-रे रिपोर्ट दे दी जाती है। जब कि एक्स-रे टेक्नीशियन से दूसरे कार्य कराए जा रहे हैं। इसके अलावा यहां पर खून की जांचे भी नहीं हो रहीं हैं। बताया गया कि माइक्रोपिपिट न होने के कारण समस्या आ रही है। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>नहीं आते प्रभारी चिकित्साधिकारी<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>सिविल अस्पताल लिंजीगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आरिफ सिद्दीकी अक्सर गायब रहते हैं। बुधवार को भी वह अपने कक्ष में नहीं थे। उनके समय से न आने के कारण कर्मचारी भी समय से नहीं पहुंचते हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि वह समय से अस्पताल आते हैं, बुधवार को वह विभागीय कार्य से गए थे।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>
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