अब आनलाइन आवेदन से निपटेंगे मेड़बंदी के मामले
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अब आनलाइन आवेदन से निपटेंगे मेड़बंदी के मामले
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 70 प्रतिशत विवाद कृषि भूमि के सीमा विवाद से संबंधित होते हैं। आम तौर पर पहले तो एसडीएम मामलों को न्यायालय में दर्ज करने से पूर्व रिपोर्ट के लिए तहसील भेज देते हैं। फिर यदि रिपोर्ट आ भी गई तो दर्ज होने के बाद भी राजस्व न्यायालयों में सालों मुकदमे लंबित रहते हैं। अब मेड़बंदी के लिए आनलाइन व्यवस्था शुरू की गई है। इसके तहत अब अधिकतम एक माह में तहसील को रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा वहीं एसडीएम को मामले को तीन माह में निपटाना होगा।
वर्तमान में धारा 24 के तहत कृषि भूमि की सीमा निर्धारण को एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दायर करना होता है। आवेदन करने पर एसडीएम की ओर से तहसील से आख्या मांगी जाती है। यह आख्या पीड़ित के तहसील पहुंच कर संबंधित लेखपाल से ‘मुलाकात’ न करने तक महीनों-सालों भी लंबित रह सकती हैं। फिर अगर तहसील से रिपोर्ट आ भी गई तो न्यायालय में कभी साहब की प्रशासनिक व्यस्तता, कभी वकीलों की हड़ताल, कभी प्रतिवादी के वकील की तबियत खराब हो जाती है। स्थिति यह है कि आठ-दस साल तक मामले न्यायालयों में लंबित रहते हैं। वर्तमान में जनपद में लगभग 500 वाद विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। हालांकि हजारों की संख्या में अपंजीकृत आवेदन तहसीलों में धूल फांक रहे हैं। आखिर थक हार कर पीड़ित या तो दबंग विपक्षी के सामने नम-मस्तक हो थक कर बैठ जाता है, या अपने स्तर से न्याय के लिए हथियार उठाने को मजबूर होता है। शासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अब मेड़बंदी के लिए आनलाइन प्रक्रिया लागू कर दी है। इसके तहत अब आवेदक को वाद.यूपी.एनआइसी.इन पर जाकर सीधे आनलाइन आवेदन दर्ज करना होगा। आवेदक को शिकायत का पंजीकरण नंबर मिल जाएगा। इसके बाद अधिकतम एक माह के भीतर तहसील से रिपोर्ट एसडीएम को भेज दी जाएगी, और एसडीएम को अधिकतम तीन माह के भीतर मामले का निस्तारण करना होगा। अपर जिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि नवीन व्यवस्था के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा सभी राजस्व अधिकारियों को शासनादेश में दी गई व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दे दिए हैं।
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यह है पूरी प्रक्रिया
वाद.यूपी.एनआइसी.इन पर जाने पर पहले आवेदक को मोबाइल फोन नंबर डालना होगा। सब्मिट करने पर मोबाइल फोन पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालकर कैप्चा भरने पर आवेदक लाग-इन हो जाएगा। यहां पर एक फार्म खुलकर आएगा। इसे भरने के बाद एक हजार रुपये का शुल्क आनलाइन नेट-बैंकिंग से अदा करना होगा। सब्मिट करते ही वाद एसडीएम कोर्ट में आनलाइन दर्ज हो जाएगा। इसके बाद मामला आनलाइन ही तहसीलदार और फिर कानूनगो को ट्रांसफर हो जाएगा। कानूनगो पैमाइश के लिए तिथि व समय निर्धारित कर दोनों पक्षों को नोटिस जारी करेगा। निर्धारित तिथि पर विवादित या गैर विवादित जैसा भी मामला हो रिपोर्ट तहसीलदार के माध्यम से एसडीएम को भेज देगा। विवादित होने पर मामले की सुनवाई न्यायालय में की जाएगी।

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