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    सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को छह माह का कारावास, निजी बंधक पत्र दाखिल होने पर मिली जमानत

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 02:09 PM (IST)

    भाजपा विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था। न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई लेकिन 20-20 हजार रुपये के निजी बंधक पत्र पर जमानत दे दी गई। विधायक पर आरोप था कि उन्होंने नामांकन के बाद समर्थकों के साथ जुलूस निकालकर आचार संहिता और कोविड नियमों का उल्लंघन किया था। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त कैद का आदेश दिया गया।

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    आचार संहिता उल्लंघन में सदर विधायक को छह माह का कारावास

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान फतेहगढ़ में दारोगा ने भाजपा के सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को नामजद और 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ आचार संहिता व महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

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    इस मामले में एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विधायक को दोषी करार देते हुए छह माह की कैद की सजा सुनाते हुए 3200 रुपये जुर्माना भी लगाया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20-20 हजार रुपये के निजी बंधक पत्र दाखिल करने पर उन्हें जमानत दे दी।

    फतेहगढ़ कोतवाली की सिविल लाइन चौकी के तत्कालीन दारोगा आनंद शर्मा ने 27 जनवरी 2022 को सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी व 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप था कि दोपहर दो बजे भारतीय जनता पार्टी के सदर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने नामांकन के बाद अपने 30-35 अज्ञात समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट गेट से दुर्गा नारायण डिग्री कालेज तक जुलूस निकालकर नारेबाजी की।

    इससे आदर्श आचार संहिता व कोविड नियमों का उल्लंघन हुआ। मुकदमे के विवेचक दलवीर सिंह ने सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया।

    इस मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन अधिकारी जितेंद्र सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र कुमार ने सदर विधायक को दोषी करार देते हुए छह माह का कारावास व 3200 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

    जुर्माना अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद का भी आदेश दिया है। विधायक की ओर से न्यायालय में जमानत पत्र दाखिल किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20-20 हजार रुपये के निजी बंधकपत्र दाखिल करने पर उन्हें जमानत पर छोड़ दिया।