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    होली आते ही बाजार में खाद्य वस्तुओं में मिलावट बढ़ी

    जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद होली आते ही मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। खोवा से लेकर दूध व

    By JagranEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 10:50 PM (IST)
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    होली आते ही बाजार में खाद्य वस्तुओं में मिलावट बढ़ी

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : होली आते ही मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। खोवा से लेकर दूध व सरसों तेल आदि में मिलावट शुरू हो गई है। नकली खाद्य वस्तुएं बाजारों में धड़ल्ले से बिक रही हैं। ग्रामीण इलाकों में नकली खोवा व दूध की मिलावट के लिए चोरी-छिपे भट्ठियां धधक रही हैं। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की पकड़ से बड़े मिलावटखोर बच जाते हैं। नकली खाद्य वस्तुओं के चलते लोगों की सेहत पर असर पड़ना लाजिमी है।

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    होली पर दालमोठ की मांग तीन से चार गुना बढ़ने से सरसों तेल की मांग बढ़ जाती है। इसी तरह गुझिया आदि बनाने के लिए खोवा व दूध की डिमांड भी दो से तीन ज्यादा हो जाती है। मांग बढ़ते ही मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। शमसाबाद, कायमगंज व नवाबगंज क्षेत्र में नकली खोवा व दूध की मिलावट के लिए भठ्ठियां धधकने लगी हैं। शहर के कई बाजारों में लोग सरसों के तेल में धड़ल्ले से मिलावट कर रहे हैं। चौक बाजार में मिलावटी खोवा सुबह ही व्यापारियों तक पहुंच रहा है। मिलावट से जहां लोगों की सेहत बिगड़ने का खतरा बढ़ गया है तो मिलावटखोरों की चांदी है। जिला खाद्य विभाग के अधिकारी छापेमारी के नाम पर खानापूरी कर रहे हैं।

    इस तरह बनता मिलावटी खोवा

    मावा पाउडर को पानी में धीरे-धीरे उबालने पर वह टाइट हो जाता है। कुछ लोग शकरकंद व दूध से भी खोवा बनाते हैं। एक किलो नकली खोवा में 90 से 100 रुपये लागत आती है, जबकि मौजूदा समय में खोवा 250 से 300 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। अभी खोवा के दाम और भी बढ़ने की उम्मीद है।

    ऐसे करें पहचान

    - मिलावटी खोवा भुनते ही काला हो जाता, जबकि असली खोवा लाल होता है। खोवा में आयोडीन मिलाकर हथेली पर रगड़ें। नकली होगा तो काला पड़ जाएगा। ऐसे बनता सिथेटिक दूध

    सिथेटिक दूध में रिफाइंड तेल, पोस्टल कलर, प्लास्टिक पेपर (सोख्ता), झाग के लिए डिटरर्जेंट पाउडर, साबुन, यूरिया व कास्टिक सोडा मिलाते हैं। यूरिया से पीलापन होता है। ऐसे करें पहचान

    - सिथेटिक दूध हथेली पर रगड़ें तो चिकनाहट आ जाएगी। सरसों तेल में मिलावट का तरीका

    सरसों तेल में चावल की भूसी, पाम आयल, सिथेटिक कलर व खुशबू के लिए एसेंस मिलाते हैं। 80 से 90 रुपये में एक किलो नकली सरसों तेल बनता है, जो 170 से 180 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

    ऐसे करें पहचान

    - सरसों तेल को फ्रिज में रख दें। अगर नकली होगा तो जम जाएगा।

    आंत, फेफड़े व गले में संक्रमण का रहता खतरा

    'मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से आंत, फेफड़े और गले में संक्रमण होने का खतरा रहता है। इलाज में देरी होने पर कभी-कभी जान पर भी बन आती है।'

    - डा. अशोक कुमार, फिजीशियन, लोहिया अस्पताल।

    बोले जिम्मेदार

    '12 मार्च से छापेमारी अभियान चल रहा है। पहले दिन ही मन्नीगंज में बड़ी मात्रा में सरसों तेल पकड़ा था। अब तक एक दर्जन से ज्यादा नमूने भी लिए जा चुके हैं। मंगलवार को भी चौक खोवा बाजार में छापेमारी की गई। मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। वैसे तो पूरे साल छापेमारी चलती है, लेकिन पर्वों पर मिलावटखोरी ज्यादा बढ़ती है तो छापेमारी भी तेज करते हैं।' - सैय्यद शहनवाज हैदर आबिदी, जिला अभिहित अधिकारी।