पूर्व जन्म की बहन से बंधवाई राखी
संवाद सहयोगी, कायमगंज : पुर्नजन्म में रिश्तों को निभाते हुए भाई अपनी पूर्व जन्म की बहन से राखी
संवाद सहयोगी, कायमगंज : पुर्नजन्म में रिश्तों को निभाते हुए भाई अपनी पूर्व जन्म की बहन से राखी की परंपरा का पिछले 25 वर्षों से निर्वहन कर रहा है। केवल राखी परंपरा ही नहीं बल्कि रिश्तेदारी की अन्य सभी कामों में वह पूर्व जन्म की भांति ही शरीक हो रहा है। राखी के पवित्र त्यौहार पर ग्राम ब्राहिमपुर जागीर के युवक सुधीर यादव ने ग्राम चिलौली आकर अपने पिछले जन्म की बहन मालती गंगवार से राखी बंधवाई।
पूर्व जन्म के रिश्ते को निभाने की यह अछ्वुत व अविस्मरणीय दास्तान ग्राम ब्राहिमपुर जागीर के सुधीर यादव व ग्राम चिलौली निवासी मालती गंगवार की है। सुधीर यादव के बारे में उन्हें व क्षेत्र के सभी संबंधित लोगों को विश्वास है कि वह पिछले जन्म में ममापुर के विश्वस्वरूप उर्फ पप्पू गंगवार हैं, जिनकी वर्ष 1984 में अपने मित्र के साथ मौत हुई थी। दोनों दोस्तों का कथित रूप से ग्राम ब्राहिमपुर जागीर में पुनर्जन्म हुआ। बचपन में ही पुनर्जन्म की घटना स्पष्ट होने के बाद सुधीर यादव अपने पूर्व जन्म के परिवार के संपर्क में आये। तभी से उनका पूर्वजन्म का रिश्ता चलने लगा। सुधीर ने आज रक्षाबंधन के दिन कायमगंज में मौजूद अपनी पूर्व जन्म की बहन से राखी बंधवायी।
पुनर्जन्म की कहानी
पुनर्जन्म की इस कहानी की शुरुआत 3 जुलाई 1984 में हुई, जब अलीगंज मार्ग पर ग्राम ब्राहिमपुर के निकट प्राइवेट बस में बम की अफवाह के बाद हुए संघर्ष में ग्रामीणों ने जुनून में दो यात्रियों को ईटों से कुचलकर मार डाला था। मृतक युवक ग्राम ममापुर निवासी विश्वस्वरूप उर्फ पप्पू गंगवार पुत्र जयचन्द्र व महेश गंगवार उर्फ बुद्दू पुत्र बृजलाल जिगरी दोस्त थे। इस घटना के करीब दो माह बाद ग्राम ब्राहिमपुर जागीर में ही रतीराम यादव के घर दो जुड़वां पुत्रों ने जन्म लिया। जिनके नाम सुधीर व सुरजीत रखे गए। जब जुड़वां बच्चे दो-ढाई वर्ष के होकर बोलने लगे। तो पिछले जन्म की कहानी बताते हुए कहा कि लोगों ने उन्हें बिना वजह ईटों से कुचलकर मार डाला था, वह ग्राम ममापुर के रहने वाले पप्पू व बुद्दू हैं। ग्राम ममापुर सूचना पहुंचने पर वहां के परिजन ब्राहिमपुर आये और बच्चों से मिले। बच्चों ने वही कहानी दोहरायी। बच्चों को ग्राम ममापुर ले जाकर वहां एक मंदिर के निकट छोड़ दिया। इस पर सुधीर पूर्व जन्म के पप्पू गंगवार व सुरजीत पूर्व जन्म के बुद्दू गंगवार के घर जाकर रुके व पूर्व जन्म के अपने परिजनों को पहचाना। कई महिलाओं की भीड़ के बीच पप्पू की भाभी को खड़ा कर दिये जाने पर भी ढाई वर्ष के सुधीर ने उन्हें पहचान कर कहा कि वह उसकी भाभी हैं। परिजनों की पूछताछ पर उक्त दोनों बच्चों ने पूर्व जन्म में हुई अपनी हत्या का पूरा विवरण विस्तार से सुनाया। जिसे सुनकर सभी हैरत में पड़ गये थे। पुनर्जन्म की घटना का खुलासा होने पर दोनों परिवार नजदीक हो गये। सुधीर अपने पूर्व जन्म के संबंधियों को अपना मानते हुए उनसे निरंतर संपर्क में रहे। पूर्व जन्म के पिता, मां, भाइयों की मौतों में शरीक हुए। सभी शादी समारोहों में परिवार के सदस्य की भांति शामिल हुए। जब से होश संभाला तभी से अपनी पूर्व जन्म की बहनों से रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने पहुंचे।
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