Farrukhabad: औद्योगिक क्षेत्र में आवंटन तो करा लिया लेकिन नहीं लगाया उद्योग, 10 कारखाना मालिकों को नोटिस
Farrukhabad उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार भले ही एड़ी चोटी का जोर लगाए हो लेकिन इसका असर धरातल पर नहीं दिख रहा है। शहर का इंडस्ट्रियल एरिया कई सा ...और पढ़ें

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता: उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार भले ही एड़ी चोटी का जोर लगाए हो, लेकिन इसका असर धरातल पर नहीं दिख रहा है। शहर का इंडस्ट्रियल एरिया कई साल से वीरानगी में डूबता जा रहा है। पपड़ी औद्योगिक क्षेत्र में तो अभी तक अधिकांश लोगों ने उद्योग ही शुरू नहीं किए हैं। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अभिकरण (यूपीसीडा) के खिमसेपुर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में भी अभी मात्र एक ही भूखंड आवंटित हो सका है।
शहर की ठंडी सड़क स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में कुल 34 कारखाने आवंटित हैं। इसमें करीब आधे कारखाने वर्षों से बंद हैं, अथवा किराए पर दे रखे हैं। किराएदारों द्वारा उनका गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरे औद्योगिक क्षेत्र पपड़ी में 48 भूखंडों का आवंटन है। यह भूखंड छोटे हैं, इस कारण लोगों ने कई भूखंडों का आवंटन करा लिया। वहां अभी एक ही इकाई चालू है। जबकि जिला उद्योग केंद्र के रिकार्ड में पांच इकाई चल रही हैं। गांव खिमसेपुर स्थित यूपीसीडा (यूपी स्टेट इंड्रस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी) के औद्योगिक क्षेत्र में मात्र एक भूखंड ही आवंटित हुआ है। जिसमें टायरों से तरल रबर बनाने का काम होगा। इसके अलावा शाहजहांपुर के एक व्यापारी ने मशरूम की पैकिंग का प्रोजेक्ट लगाने के लिए भूमि आवंटित करने का आवेदन किया है।
तीसरे नोटिस के बाद निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी
उपायुक्त उद्योग अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया की 10 इकाइयों के आवंटियों को दो बार नोटिस दिया जा चुका है। नियमानुसार तीसरे नोटिस के बाद निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी। उन्होंने बताया कि यहां कपड़ा छपाई के कारखानों में जलशोधन संयंत्र लगाने के लिए कहा गया है। दो कारखानों में यह संयंत्र लगे भी हैं। पपड़ी औद्याेगिक क्षेत्र मेंं पांच इकाई संचालित हैं। अन्य आवंटियों से भी काम शुरू करने के लिए कहा गया है।

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