Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मूंछ को 'बाय', क्लीन शेव 'हॉय'

    By Edited By:
    Updated: Mon, 28 Sep 2015 07:34 PM (IST)

    फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : मूंछ को शक्ति, साम‌र्थ्य और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। यह वचनबद्धत ...और पढ़ें

    Hero Image

    फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : मूंछ को शक्ति, साम‌र्थ्य और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। यह वचनबद्धता की कसौटी से भी ओतप्रोत है। आत्मसम्मान के लिए मूंछ की लड़ाई का जुमला सामाजिक ताने-बाने में खास रहा है। फैशन के नये दौर में जीवन शैली क्या बदली, युवाओं में मूंछ के प्रति परंपरागत नजरिया ही बदल गया। मूंछ न रखना नये फैशन का स्टेटमेंट बनकर उभर रहा है। फैशन के प्रति जागरूक किशोर और युवा चेहरे की क्लीन शेव शैली को अपना रहे हैं। लाइफ स्टाइल के बदलाव का असर है कि चेहरे से स्टाइलिश दिखने के लिए युवा कुछ भी करने को तैयार दिखते हैं। पहले कुछ युवा ही किसी स्टाइल को अपनाते हैं तो वो एकदम ट्रेंड में आ जाता है। यही हाल दाढ़ी मूंछ को लेकर भी है। कहा जाता था कि पिता की ¨जदगी तक मूंछ रखना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से भी इसे सही माना जाता था। पर अब अभिभावक पिता उस समय हतप्रभ रह जाते, जब पहली बार बेटों का क्लीन शेव चेहरा दिखाई दे जाता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उच्च शिक्षा की बात कौन कहे, माध्यमिक स्तर पर ही चेहरे पर मूंछ आते ही क्लीन शेव की आदत पड़ जाती है। मां-बाप से पूछने समझने की जरूरत भी महसूस नहीं होती। मूंछ के बंधन में युवा बंधने को तैयार नहीं। स्मार्ट और आकर्षक बने रहने की राह में मूंछ इनके लिए मानों एक चुभने वाला कांटा है।

    नये लुक भी आ रहे पसंद

    बदलते हेयर स्टाइल के साथ ही दाढ़ी मूंछ की काट-छांट कर ईजाद किए गए नये लुक भी युवाओं को पसंद आ रहे हैं। कई युवा कभी क्लीन शेव हो जाते हैं तो कुछ समय बाद दाढ़ी मूंछ के नये लुक में रम जाते हैं। अभिनेता सलमान को फेवरेट मानने वाले कुछ युवा दबंग स्टाइल की मूंछे रखे हैं। तो कुछ अजय देवगन स्टाइल में। धारावाहिकों व फिल्मों से हल्की-हल्की दाढ़ी रखने का भी चलन है।

    जमाने के साथ सब कुछ है बदलता

    ¨सह वाहिनी कालोनी निवासी आलोक मिश्रा का कहना है कि जमाने के साथ सब कुछ बदलना पड़ता है। वेशभूषा, बोलचाल, हेयर स्टाइल और यहां तक कि दाढ़ी भी। प्रोफेशन हो या सामाजिक क्षेत्र, सभी जगह स्मार्ट और आकर्षक युवाओं का क्रेज रहता है। इसलिए दाढ़ी मूंछ के फैशन का बदलाव भी वक्त की जरूरत है। इससे कई बार आत्मविश्वास बढ़ता है। आफिस में क्लीन शेव लुक बेहतर रहता है। मित्र भी ज्यादा आकर्षित होते हैं। दूसरों की नजर में युवापन भी अधिक झलकता है। खटकपुरा सिद्दीकी निवासी रेहान बताते हैं कि समय के हिसाब से चेहरे का स्टाइल बदल जाता है।

    पश्चिम की हवा में बह रहे युवा

    आर्य समाज के प्रधान आचार्य चंद्रदेव शास्त्री का कहना है कि आज के युवा पश्चिम की हवा में बह रहे हैं। इसीलिए मूंछ रखने की पुरातन परंपरा के प्रति वह संवेदनशील नहीं है। छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर आजाद, भगत ¨सह आदि महापुरुषों की छाप युवाओं को ध्यान में रखनी चाहिए।