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    शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को न्याय का इंतजार

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    Updated: Mon, 01 Dec 2014 01:03 AM (IST)

    फर्रुखाबाद, जागरण टीम : खाकी की लचर पैरवी के चलते कुख्यात अपराधी कलुआ से मुठभेड़ में मारे गये थानाध्य ...और पढ़ें

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    फर्रुखाबाद, जागरण टीम : खाकी की लचर पैरवी के चलते कुख्यात अपराधी कलुआ से मुठभेड़ में मारे गये थानाध्यक्ष और पुलिस कर्मियों के परिजन अब भी न्याय मिलने के इंतजार में हैं। संबंधित मुकदमा अभी न्यायालय में विचाराधीन है। कर्तव्य पालन में पहले भी एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी अपनी जान दे चुके हैं, लेकिन जरायम कम न हुए। इसी का नतीजा है कि शनिवार को फिर शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों सूची में एक नाम और बढ़ गया। यह घटनाएं वर्तमान कानून व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही हैं।

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    कायमगंज कोतवाली क्षेत्र में 4 मार्च 2001 को गांव अहमदगंज के निकट दस्यु सरगना कलुआ से मोर्चा लेते समय कांस्टेबल शांतिराम शहीद हुए थे। डकैत उनकी रायफल भी लूट ले गए थे। कंपिल क्षेत्र में 26 मार्च 2003 को कारव की कटरी में कलुआ से मुठभेड़ में तत्कालीन कंपिल थानाध्यक्ष राजेश कुमार, मेरापुर के दरोगा उदयवीर ¨सह, कंपिल थाने के कांस्टेबिल उमेश चंद्र व पीएसी कांस्टेबिल सेवाराम यादव शहीद हुए थे। डकैत उनकी रिवाल्वर, कारबाइन, पिस्टल व राइफलें तथा वायरलेस सेट भी लूट ले गये थे। इसमें दरोगा विवेक श्रीवास्तव, कांस्टेबिल मुन्ना ¨सह, सूरज ¨सह, मोहर ¨सह, रक्षपाल ¨सह, पीएसी के साधू राम सहित 8 लोग घायल हुए थे। 17 सितंबर 2005 को कारव की कटरी में नाव से जा रही पुलिस टीम पर कलुआ गिरोह की फाय¨रग में पीएसी के दरोगा चंद्रपाल ¨सह, कांस्टेबल इसरत अली व दिलीप तिवारी शहीद हुए थे। रमेश यादव, कमलेश दीक्षित, ओमप्रकाश व राजेश राठौर घायल हुए थे। कानपुर-कासगंज रेल मार्ग पर वर्ष 1995 में मरुधर एक्सप्रेस में नरथर रेलवे स्टेशन के निकट बदमाशों ने दो सिपाहियों की हत्या कर रायफलें लूट ली थीं। शमसाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम पसियापुर में विशेष अभियान के तहत कुख्यात अपराधी टंपू को गिरफ्तार करने आये विशुनगढ़, कन्नौज के तत्कालीन थानाध्यक्ष रामराज यादव शहीद हुए थे। मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में तीन वर्ष पूर्व पखना चौकी इंचार्ज दारोगा बनी ¨सह पर गश्त के दौरान बदमाशों ने हमलाकर उनकी रिवाल्वर छीन ली थी। विरोध करने बदमाशों ने उनके हमराह सिपाही रामवीर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ढाई वर्ष पूर्व सकवाई के तेरा गांव में हो रहे दंगल में दारोगा आरपी ¨सह को झगड़े में हस्तक्षेप करने पर नामजद लोगों ने ईंट मारकर दांत तोड़ दिया था और रिवाल्वर छीनने का प्रयास किया था। 31 अगस्त 2012 में कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव टाडा बहरामपुर में दविश देने गये तत्कालीन थानाध्यक्ष सुनील कुमार तिवारी पर ग्रामीणों ने घेराबंदी कर जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना के संबंध में 8 नामजद तथा दो दर्जन अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था।

    8 जून 2014 को शमसाबाद थाना क्षेत्र के गांव ऊगरपुर में भूमि विवाद की जांच करने गये दारोगा कौशलेंद्र गौतम के साथ ग्रामीणों ने मारपीट कर दी थी। घटना के संबंध में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।