Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ..राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम

    By Edited By:
    Updated: Mon, 11 Feb 2013 11:02 AM (IST)

    ...और पढ़ें

    Hero Image

    फर्रुखाबाद, कार्यालय संवाददाता : 'हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम। राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम'। माता सीता को ढूंढ़ने निकले राम भक्त हनुमान को जिस तरह अपने आराध्य का काज किए बिना विश्राम करना स्वीकार नहीं था, उसी तरह अयोध्या आंदोलन से जुड़े साधु संत भी राम मंदिर निर्माण न होने तक चैन से नहीं बैठना चाहते। निर्मोही अखाड़े के दर्जनों साधु संत रामनगरिया में कल्पवास के साथ तलवार व फरसा चलाने का अभ्यास कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कन्नौज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी समेत कई जनपदों से रामनगरिया में कल्पवास करने आए निर्मोही अखाड़ा के महंत नारायण दास बटेश्वर धाम, महंत मनोहर दास, महंत रामेश्वर दास, महंत गोपाल दास व महंत सुंदरदास गंगा तट पर कल्पवास के साथ ईश्वर भजन व शस्त्र चलाने का अभ्यास करते हैं। भोर होते ही गंगा स्नान। राम के भजन कीर्तन में भाव विभोर होकर रम जाना। फिर तलवार व फरसा चलाना। पूरे दिन राम कथा व आध्यात्म पर चर्चा। यही उनकी दिन चर्या है। महंत गोपाल दास बताते हैं कि जन जन के आराध्य श्री राम का उनकी जन्म भूमि अयोध्या में मंदिर न बन पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजनेता इसमें बाधा बने हुए हैं। संतों की इच्छा है कि सब धर्मो के लोग मिलकर अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनाएं। महंत रामेश्वर दास का कहना है कि धर्म व न्याय की रक्षा के लिए संतों को शास्त्र के साथ शस्त्र भी उठाना पड़े तो परहेज नहीं होना चाहिए।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर