Ram Mandir: कर्नाटक से आई श्याम शिला से होगा भव्य रामलला की मूर्ति का निर्माण, 5 वर्ष की आयु के दिखेंगे भगवान
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह के लिए छत का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ अब रामलला की मूर्त ...और पढ़ें

अयोध्या, संसू। रामजन्मभूमि पर स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए कई शीर्ष कलाकारों का पैनल तैयार किया गया है। इनमें मैसूर के प्रख्यात मूर्तिकार अरुण योगिराज भी शामिल हैं। अरुण हाल के कुछ वर्षों में कई चर्चित मूर्तियां निर्मित कर चुके हैं। इनमें केदारनाथ में पांच नवंबर 2021 को लोकार्पित आदि शंकराचार्य तथा दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थापित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा शामिल है।
दिव्य और भव्य होगी रामलला की मूर्ति
अरुण ने गत दिनों रामसेवकपुरम में रखी उन शिलाओं का भी निरीक्षण किया, जिनमें से सर्वाधिक उपयुक्त समझी जाने वाली किसी एक शिला से रामलला की मूर्ति बननी है। संयोग से अरुण ने जिस शिला को रामलला की मूर्ति के लिए पसंद किया, वह भी कर्नाटक से आई श्याम शिला है। मूर्ति में भगवान पांच साल की आयु के दिखेंगे। उनके मुख पर बाल सुलभ मधुर मुस्कान भाव होगा।
जनवरी में सूर्य के उत्तरायण होने पर होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
खड़ी मुद्रा की यह मूर्ति 52 इंच ऊंची बननी है। जन्मभूमि पर निर्मित हो रहे राम मंदिर के भूतल का निर्माण इसी वर्ष के अंत तक पूर्व होना है और अगले वर्ष के पहले महीने में ही रामलला की मूर्ति स्थापित की जानी है। मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में सूर्य के उत्तरायण होते कराए जाने के लिए विद्वानों से तिथि पर मंथन किया जा रहा है। इस दौरान किस प्रकार के उत्सव होंगे। इसकी तैयारी पर मई माह में होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। रामलला की मूर्ति निर्मित करने के लिए पद्म विभूषण सुदर्शन साहू एवं रामवी शुतार जैसे शीर्ष मूर्तिकारों के नाम पर विचार किया जा रहा है। सुतार ने हाल ही में वह विशाल वीणा बनाई है, जिसे अयोध्या के लता मंगेशकर चौक पर स्थापित किया गया है।
किसी शीर्ष चित्रकार के प्रारूप पर बनेगी मूर्ति
रामलला की मूर्ति जिस प्राारूप पर निर्मित होनी है, उसे देश के पांच शीर्ष चित्रकारों ने प्रस्तुत किया है। इनमें पुणे के वासुदेव कामत, मैसूर के प्रो. जीएल भट्ट, वी मनैैया, सुरेंद्र विश्वकर्मा एवं सत्यनारायण शर्मा शामिल हैं। ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र ने बताया कि अभी मूर्तिकार के नाम पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।
रामलला की मूर्ति के लिए एकत्र हुई हैं चुनिंदा शिलाएं
रामलला की मूर्ति बनाए जाने के लिए रामघाट क्षेत्र स्थित रामसेवक पुरम में गत तीन माह के दौरान कर्नाटक से पांच, राजस्थान से चार, उड़ीसा से एक एवं नेपाल से दो शिलाएं लाई गई हैं और इन्हीं में से किसी एक शिला को समीचीन मानकर रामलला की मूर्ति के लिए उसका निर्माण होना है।

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