Ayodhya में सीताराम विवाहोत्सव की धूम, तस्वीरों में देखें निभाई जा रहीं रस्मों का सुंदर नजारा
SitaRam Vivahotsav सोमवार को दिन ढलने के साथ कनक भवन दशरथ महल बड़ास्थान जानकी महल रंगमहल हनुमत निवास विअहुति भवन आदि मंदिरों से राम बरात प्रस्थान करेगी। बरात में किसी सामान्य बरात से कहीं अधिक शानो-शौकत से राम बरात की याद ताजा की जा रही होगी।
अयोध्या, जागरण संवाददाता। रामनगरी अयोध्या में भगवान राम और माता सीता के विवाह की तैयारियां जोरों-शोरों पर है। प्रभु श्रीराम और उनके भाइयों की हल्दी-तिलक और मेंहदी समारोह का आयोजन जानकी महल में किया गया है। अब विवाहोत्सव को लेकर तैयारियां चरम पर है। रात 10 बजे तक 11 मंदिरों से भगवान राम और उनके भाइयों की बारात निकाली जाएगी। इस महोत्सव में लाखों राम भक्तों ने हिस्सा लिया है। आइए देखते हैं हल्दी और मेहंदी की तस्वीरों में देखें भक्तों का उल्लास-
इस विवाहोत्सव में शामिल होने के लिए कोलकाता, मुम्बई, पंजाब समेत देश के अनेक शहरों और यूपी के अधिकांश जिलों के भक्त अयोध्या पहुंचे हैं। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि वह मारवाड़ी रीति-रिवाजों के साथ राम विवाह मनाएंगे।
मेंहदी रस्म होने के चलते सभी श्रद्धालु हाथों में मेहंदी लगा रहे हैं। वहीं श्रीराम विवाह में शामिल होने से भक्त बेहद खुश नजर आ रहे हैं और बेसब्री से भगवान राम के विवाह समारोह का इंतजार कर रहे हैं। वहीं पूरे अयोध्या में रौनक छाई हुई है। अयोध्या के मठ और मंदिरों को रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया गया है।
आज विवाहोत्सव पर विधि-विधान से पाणिग्रहण संस्कार की रस्म भी पूरी की जाएगी। इसके अलावा श्रद्धालु कन्यादान में अपनी यथाशक्ति के अनुसार माता सीता को भेंट समर्पित करेंगे। इसके बाद 29 नवंबर को श्रीराम का कुंवर कलेवा किया जाएगा। वहीं वधू पक्ष की तरफ से अखिल ब्रह्माण्ड नायक परात्पर ब्रह्म को ही दूल्हा सरकार के रूप में मधुर गीतों से नवाजा जाएगा।
सोमवार को दिन ढलने के साथ कनक भवन, दशरथ महल बड़ास्थान, जानकी महल, रंगमहल, हनुमत निवास, विअहुति भवन आदि मंदिरों से राम बरात प्रस्थान करेगी। बरात में किसी सामान्य बरात से कहीं अधिक शानो-शौकत से राम बरात की याद ताजा की जा रही होगी। इस दौरान तिलक, हल्दी रस्म, मेहंदी रस्म का आयोजन किया गया है। वहीं दूसरे दिन भगवान राम और माता सीता का विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा।
दशरथ महल से निकलने वाली बरात अपनी विरासत के अनुरूप राजसी वैभव से युक्त होगी। अन्य मंदिरों से निकलने वाली बरात भी यथा शक्ति-तथा भक्ति परिभाषित करने वाली होगी। जानकी महल की बरात में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। ं