Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ayodhya: रामनगरी पहुंची गायिका अनुराधा पौडवाल लता चौक देख हुईं भाव विभोर, बोलीं-यह पल हमेशा याद रहेगा

    गायिका अनुराधा पौडवाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया रामनगरी की ओर आस्था भरी निगाहों से देख रही है। उन्होंने लता मंगेशकर चौक के शिलालेख पर माल्यार्पण कर भी अपनी आस्था ज्ञापित की। इस मौके पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय अनुराधा पौडवाल की आवभगत में उपस्थित रहे।

    By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 28 Nov 2022 02:53 PM (IST)
    Hero Image
    लता मंगेशकर चौक देख विभोर हुई अनुराधा पौडवाल।

    अयोध्या, जागरण संवाददाता। रामायण मेला की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति देने आईं प्रख्यात भजन  गायिका अनुराधा पौडवाल ने अयोध्या भ्रमण किया। इस दौरान उन्हाेंने रामायण मेला स्थल राम कथा पार्क के कुछ ही फासले पर स्थापित लता मंगेशकर चौक को भी देखा। अपनी पूर्ववर्ती शीर्ष गायिका के नाम से राम नगरी में स्थापित चौक देखकर वह भाव-विभोर हो गईं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को उच्च कोटि की गायिका बताने के साथ कहा कि उन पर मां सरस्वती की विशेष कृपा थी। अयोध्या में उनकी स्मृति सहेजने के लिए अनुराधा पौडवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति कृतज्ञता भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि संगीत का भगवान से सहज संबंध है और भगवान श्री राम की नगरी में लता मंगेशकर का स्मारक होना प्रेरक है।

    उन्होंने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को कोटि-कोटि राम भक्तों के उत्साह का विषय बताया। कहा कि आज पूरी दुनिया रामनगरी की ओर आस्था भरी निगाहों से देख रही है। उन्होंने लता मंगेशकर चौक के शिलालेख पर माल्यार्पण कर भी अपनी आस्था ज्ञापित की। इस मौके पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय अनुराधा पौडवाल की आवभगत में उपस्थित रहे।

    महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने अनुराधा  पौडवाल को बताया कि स्वर कोकिला की याद में पुण्य सलिला सरयू के तट की ओर से राम नगरी के प्रवेश मार्ग पर इस चौक को स्थापित कराया गया है और यहां स्वर कोकिला की विरासत के अनुरूप विशाल वीणा स्थापित की गई है। महापौर ने अयोध्या आगमन और रामायण मेला में प्रस्तुति देने के लिए अनुराधा पौडवाल का आभार भी ज्ञापित किया।

    उन्होंने अनुराधा पौडवाल को लता मंगेशकर के गायन की शीर्ष परंपरा को आगे बढ़ाने वाला प्रतिनिधि बताया। इसके साथ ही लता मंगेशकर चौक पर उनके आगमन को सोने पर सुहागा घोषित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह अवसर लंबे समय तक अविस्मरणीय रहेगा।