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रामभक्तों को आश्वस्त करने वाली है मंदिर निर्माण की प्रक्रिया

अगले माह से शुरू होगा मंदिर के अधिष्ठान का निर्माण 26 हजार घनफीट ग्रेनाइट से बनेगा 21 फीट ऊंचा मंदिर का अधिष्ठान

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 11:55 PM (IST)
रामभक्तों को आश्वस्त करने वाली है मंदिर निर्माण की प्रक्रिया
रामभक्तों को आश्वस्त करने वाली है मंदिर निर्माण की प्रक्रिया

अयोध्या (रमाशरण अवस्थी): राम जन्मभूमि पर रामलला का भव्य मंदिर निर्मित हो रहा है। शुक्रवार की शाम इस सच्चाई की पुष्टि करने वाली साबित हुई। मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मीडिया को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों पर सामान्यत: निर्भर रहना पड़ता था कितु शुक्रवार को मीडिया मंदिर निर्माण की प्रगति से रूबरू थी। दो विशाल टावर क्रेन पर 50 से अधिक हाईमास्ट की रोशनी, विशाल मिक्सिग प्लांट और बूम मशीन से मंदिर की विशाल बुनियाद के ऊपर राफ्टिग की प्रक्रिया देखना चमत्कारिक था। उस पीढ़ी के लिए तो और भी जिसने मंदिर आंदोलन और मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष का दौर देखा है । जिस प्रांगण में प्रविष्ट होने की कल्पना तक असंभव थी, उस प्रांगण में मंदिर निर्माण का भविष्य प्रशस्त होते देखना यादगार पड़ाव से गुजरना था। जबकि निकट भविष्य में भव्य मंदिर देखने वालों में निर्माण के इस महनीय प्रकल्प की स्मृति भी जीवंत बने रहने से इनकार नहीं किया जा सकेगा। न केवल राफ्ट की ढलाई बल्कि इसी माह के अंत तक ढलाई पूरी होने के बाद प्लिथ यानी मंदिर के अधिष्ठान की संभावना भी अभी से परिलक्षित हो रही होती है। 400 फीट लंबी और 300 फीट चौड़ी बुनियाद पर 21 फीट ऊंचे अधिष्ठान का निर्माण होना है इसके लिए कर्नाटक की 10000 घन फीट ग्रेनाइट करीने से रख उठी है। मंदिर निर्माण प्रक्रिया के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आफले स्पष्ट करते हैं कि अधिष्ठान में कुल 26000 घन फीट ग्रेनाइट का प्रयोग होना है । हालांकि अधिष्ठान की शेष शिलाओं को लेकर कोई हड़बड़ी नहीं है । संभावना जताई जा रही है कि अधिष्ठान निर्माण फरवरी माह से शुरू होगा और इस काम में चार से पांच माह लगेंगे और तब तक जरूरत की ग्रेनाइट आसानी से आती रहेगी । मौके पर भले ही बुनियाद परिभाषित हो रही थी, कितु सपने शिखर के बुने जा रहे थे । जैसा कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय आश्वस्त करते हुए कहते हैं कि बुनियाद का काम पूरा हो गया, समझो बहुत बड़ा काम हो गया । यह सच भी है । तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मंदिर निर्माण की बुनियाद मुकम्मल करने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े और आज जब बुनियाद पूर्णता की ओर है तो मंदिर निर्माण की संभावना को लेकर निश्चित हो जाना स्वाभाविक ही है । अधिष्ठान निर्माण के बाद पहले से गढ़ी गई शिलाएं निर्धारित मानक के अनुरूप राम मंदिर के रूप में आकार लेंगी। मंदिर की भव्यता का ताना-बाना दिव्य सपने के रूप में भी बुना जा रहा है। चंपतराय बताते हैं कि तीन तल के राम मंदिर में 400 से अधिक स्तंभ लगेंगे। 170 भूमि तल पर 150 प्रथम तल पर और 100 से अधिक स्तंभ दूसरे तल पर लगाए जाने की योजना है। इस योजना के साथ मंदिर निर्माण की पूर्णता भी ²ष्टिगत हो रही है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र बताते हैं कि दिसंबर 2023 तक रामलला भव्य मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिए जाएंगे। यह गर्भगृह भी भव्य मंदिर के अनुरूप दिव्यता से युक्त होगा । प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार रामलला का गर्भ गृह साढ़े दस गुणे साढ़े दस वर्ग मीटर का होगा। मंदिर का गर्भगृह और गृह मंडप तो तीन तरफ दीवारों से युक्त होगा कितु नृत्य मंडप और रंग मंडप के रूप में दो अग्रणी प्रखंड खुले होंगे और इसकी छत आकर्षक स्तंभों पर टिकी होगी।

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श्रमिकों की बजाए मशीनों पर अधिक निर्भरता

मंदिर निर्माण की प्रक्रिया अत्यंत व्यापक है। कितु उसमें श्रमिकों की जगह मशीनों का अधिक उपयोग हो रहा है। फिलहाल मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में ढाई सौ श्रमिक संलग्न हैं इनमें से 35 से 40 इंजीनियर ही हैं। प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार अधिष्ठान निर्माण और उसके बाद का काम शुरू होने पर जरूरत के हिसाब से श्रमिकों को बढ़ाया जा सकता है। राम मंदिर के परकोटा का भी निर्माण शुरू होने को है।


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