Ram Mandir: श्रद्धालुओं के लिए खुला नवनिर्मित राम जन्मभूमि पथ; उमड़ा भक्तों का सैलाब, लगे जय श्रीराम के नारे
Ram Janmabhoomi Path In Ayodhya अयोध्या में राम भक्तों के लिए आज का दिन किसी त्यौहार से कम नहीं है। वजह है रामलला के दर्शनार्थियों के लिए नवनिर्मित राम जन्मभूमि पथ। जिसे आज भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। सौ फीट चौड़ा उन्नत एवं प्रशस्त मार्ग राम मंदिर आने वाले भक्तों को उनके आराध्य तक आसानी से पहुंचाएगा। अयोध्या में इसके अलावा भी कई पथ तैयार हो रहे हैं।
अयोध्या, संसू। रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण तो नवंबर के अंत तक पूरा होगा, किंतु वहां तक पहुंचने का नया रास्ता रविवार से ही खुल गया। निर्माणाधीन राम मंदिर के ही अनुरूप यह नया रास्ता भी भव्यता का पर्याय है। रामजन्मभूमि पथ के नाम से नवनिर्मित यह मार्ग 566 मीटर लंबा एवं 30 मीटर चौड़ा है। यह मार्ग शुरू होने के पूर्व तक रामजन्मभूमि तक जाने के हनुमानगढ़ी और दशरथमहल के सामने से पारंपरिक मार्ग का प्रयोग होता था।
यद्यपि मंदिर निर्माण के साथ इस पारंपरिक मार्ग का भी चौड़ीकरण किया जा रहा है। मंदिर निर्माण पूरा होने और वहां रामलला की स्थापना के बाद तय किया जाएगा कि इस चौड़ीकरण के बाद इस पारंपरिक मार्ग का किस तरह उपयोग किया जाएगा।
रविवार को दूसरी बेला से यह पारंपरिक मार्ग रामलला के दर्शनार्थियों से मुक्त हो गया और रामलला के दर्शनार्थी हनमानगढ़ी के सामने से रामजन्मभूमि तक जाने की बजाय बिड़ला धर्मशाला एवं सुग्रीवकिला के सामने से राम मंदिर की ओर बढ़े और अमावा राम मंदिर तथा रंगमहल के पीछे से होकर उन्होंने रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश किया।
नवनिर्मित मार्ग का लोकार्पण वेद मंत्रों के बीच रामलला के दर्शनार्थियों पर पुष्पवर्षा के साथ किया गया। इस अवसर पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डा. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्रदास, विहिप के शीर्ष नेता गोपालजी, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्त, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, पूर्व महापौर रिषिकेश उपाध्याय, यूपी भूमि विकास बैंक के पूर्व चेयरमैन निशेंद्रमोहन मिश्र गुड्डू, विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा आदि सहित मंडलायुक्त गौरव दयाल एवं जिलाधिकारी नितीशकुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
अधिक सुगम, प्रशस्त और दूरी कम करने वाला मार्ग
दर्शन मार्ग बदले जाने से जहां रामलला के दर्शनार्थियों को कहीं अधिक सुगम, प्रशस्त तथा पांच सौ मीटर की दूरी कम करने वाला मार्ग उपलब्ध हुआ है, वहीं मंदिर का परकोटा निर्माण भी कारण माना जा रहा है। परकोटा निर्माण के लिए यह जरूरी माना जा रहा था कि पारंपरिक दर्शन मार्ग से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका जाय। हालांकि नवनिर्मित रामजन्मभूमि मार्ग अभी पूरा नहीं हुआ है, किंतु इतना जरूर बन गया है कि श्रद्धालुओं का उस पर आवागमन सुनिश्चित हो सके।
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