लाल-पीले शिमला मिर्च की खेती कर नारायणदत्त ने बटोरे पुरस्कार
बेमौसम सब्जियों की वैज्ञानिक विधि से खेती कर किसानों के लिए बने उदाहरण

अयोध्या (बिपिन सिह): खुशहालगंज गांव निवासी प्रगतिशील युवा किसान नारायणदत्त उर्फ डब्ल्यू मौर्य ने शेड-नेट विधि (संरक्षित खेती) से लाल-पीले शिमला मिर्च व पत्ता गोभी की खेती कर ख्याति ही नहीं अर्जित की, तमाम पुरस्कार भी प्राप्त किए। आज नारायण आसपास के किसानों के लिए उदाहरण बन गए हैं। तमाम किसान उनकी खेती और तरीके को देखने के लिए यहां आते हैं।
नारायण ने बताया कि वैज्ञानिक विधि से खेती कर अधिक लाभ कमाया जा सकता है। कृषि विभाग ने उन्हें तीन बार सम्मानित किया। वर्तमान में वह होटलों, ढाबों पर पत्तागोभी व खीरे की सप्लाई कर रहे हैं। बताया कि इसकी मांग अधिक होने के नाते इसकी खेती की जा रही है। आधे एकड़ खेत में उन्नत प्रजाति के बीज की बोआई कर टपक सिचाई विधि से पानी और घुलनशील उर्वरक प्रयोग करते हैं। उन्होंने तमाम स्थानीय युवकों को भी रोजगार दे रखा है। बताया, पत्तागोभी नवंबर माह में 30 से 50 रुपये प्रति पीस तो अक्टूबर में 80 रुपये तक बिकती है। बेमौसम खेती में मेहनत के साथ फायदा भी है। यह नकदी फसल में शामिल है। खीरा की बोआई 10 फरवरी को गई थी, जो 25 मार्च तक बाजार में पहुंच जाएगी।
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नारायण को मिले पुरस्कार -
- वर्ष 2019 में किसान सम्मान दिवस पर शिमला मिर्च की संरक्षित खेती के लिए मुख्य विकास अधिकारी एवं राजकीय उद्यान अधीक्षक ने सात हजार का नकद पुरस्कार एवं प्रशस्तिपत्र प्रदान किया।
- 23 दिसंबर 2021 को किसान सम्मान दिवस एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर मुख्य विकास अधिकारी अनिता यादव एवं उप कृषि निदेशक डा. संजय कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
- 75 वें भारत अमृत महोत्सव के दौरान शिमला मिर्च की संरक्षित खेती पर सांसद लल्लू सिंह ने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और उप कृषि निदेशक की उपस्थित में प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

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