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महिला किसानों को धान क्रय केंद्रों पर मिलेगी खास तवज्जो

सुविधाओं के साथ मिलेगी पहली प्राथमिकता.महिला कृषकों के धान की बगैर टोकन नंबर हो सकेगी खरीद.

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:52 PM (IST)
महिला किसानों को धान क्रय केंद्रों पर मिलेगी खास तवज्जो

अयोध्या : खेती किसानी में आधी आबादी की पूरी भागीदारी को देखते हुए सरकार अब महिला किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। व्यावसायिक खेती में महिलाओं को छूट पहले से ही थी, अब परंपरागत फसलों में भी महिला किसानों के लिए नियम शिथिल किए गए हैं। योजनाओं में उनको छूट देने के साथ ही सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। धान खरीद के लिए खोले गए सरकारी क्रय केंद्रों पर महिला कृषकों को वरीयता मिलेगी। महिलाओं को धान बेचने के लिए टोकन की जरूरत नहीं होगी। उनके धान की खरीद बगैर टोकन नंबर होगी। टोकन किसी भी किसान का हो, लेकिन अगर महिला किसान क्रय केंद्र पर पहुंचती है तो पहले उसका धान खरीदा जाएगा। महिलाओं को प्रोत्साहित करने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है ताकि वह भी सरकारी क्रय केंद्रों से जुड़ सकें। उन्हें बिचौलियों के हाथों उपज को औने-पौने दाम पर न बेचना पड़े।

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जिले में धान खरीद के लिए विभिन्न क्रय एजेंसियों के 40 क्रय केंद्र खोले गए हैं। अब तक कुल छह हजार 894 किसानों ने पंजीकरण कराया है। इसमें लगभग एक हजार महिलाएं हैं। क्रय केंद्रों पर धान की आवक शुरू हो चुकी है। सोमवार तक 89 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। खरीद केंद्रों पर महिला कृषकों को वरीयता देने के आदेश शासन स्तर से हैं। इस बार महिला कृषकों को धान बेचने में समस्याओं से नहीं गुजरना पड़ा। इसके लिए जरूरी है कि जमीन के प्रपत्र महिला के नाम हों व महिला कृषक स्वयं केंद्र पर धान बेचने आए। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि शासन के दिशा निर्देशों के तहत महिला काश्तकार का क्रय केंद्र पर बगैर टोकन धान खरीदा जा रहा है। खरीद में उनको प्राथमिकता दी जा रही है।

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आरक्षित होंगे दो दिन

विपणन निरीक्षक विनोद कुशवाहा ने बताया कि सप्ताह में मंगलवार व शुक्रवार का दिन सीमांत व लघु किसानों के लिए आरक्षित रहेगा। लघु व सीमांत किसान इन दो दिनों में अपना धान क्रय केंद्र पर बेच सकते हैं। कृषकों से केंद्र प्रभारी मनमाफिक उतराई, छनाई व सफाई का दाम नहीं वसूल सकेंगे। प्रति कुंतल बीस रुपए की दर निर्धारित की गई है। इससे अधिक की वसूली अवैध होगी।


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