ऐतिहासिक और निर्विवादित रहा डॉ. शुक्ल का कार्यकाल
नगर आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ल के कार्यकाल में अयोध्या नगर निगम को मिली विशिष्ट पहचान
अयोध्या: स्थानांतरण और नियुक्ति सरकारी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। इसी के तहत गुरुवार को नगर आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ल का भी तबादला हो गया। उन्हें अपर आवास आयुक्त बनाया गया है। डॉ. शुक्ल का कार्यकाल अयोध्या के लिए काफी यादगार रहा। रामनगरी के विकास का मुद्दा रहा हो या फिर कोरोना के खिलाफ जंग। दोनों ही मोर्चों पर उन्होंने निर्णायक भूमिका अदा की।
छह मार्च 2019 को कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने रामनगरी को स्वच्छता की ओर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाई। उनके कुशल प्रबंधन का परिणाम रहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में रामनगरी की रैंक लगातार सुधरती चली गई। 2020 के सर्वेक्षण में आशा से बढ़ कर सफलता रामनगरी ने हासिल की। दीपोत्सव के सफल आयोजन के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर रामनगरी को जो भव्य रूप प्रदान किया उसने पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया। उनकी मेहनत का परिणाम रहा कि डॉ. शुक्ल को विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष भी बनाया गया। दोहरी जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया। कर्मचारियों को साथ लेकर चलने वाले डॉ. शुक्ल का पार्षदों में भी कोई विरोध नहीं दिखा। जनता के बीच भी वे काफी लोकप्रिय रहे। नगर आयुक्त का अचानक स्थानांतरण किसी के गले नहीं उतर रहा है। फिलहाल उनका स्थानांतरण किसी सियासी समीकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है। निर्विवादित अधिकारी का अचानक स्थानांतरण ऐसी आशंकाओं को बल प्रदान करता है। जाते-जाते डॉ. शुक्ल राममंदिर के मानचित्र को स्वीकृति प्रदान कर अपने कार्यकाल में एक और ऐतिहासिक तिथि से जोड़ चुके हैं। डॉ. शुक्ल ने जिस सुनियोजित तरीके से रामनगरी के विकास की रूपरेखा तैयार की उसे आगे बढ़ने की बड़ी जिम्मेदारी आने वाले कंधों पर होगी।
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