धनवंतरि वाटिका से मिलेगी रोगों से मुक्ति
अयोध्या : रोगों से मुक्ति के लिए औषधियों का मोहताज नहीं रहना पड़ेगा। पेड़-पौधों के सानिध्य- ...और पढ़ें

अयोध्या : रोगों से मुक्ति के लिए औषधियों का मोहताज नहीं रहना पड़ेगा। पेड़-पौधों के सानिध्य-संरक्षण से ही अनेक असाध्य बीमारियों से निजात मिल सकेगी। इसके पीछे धनवंतरि वाटिका की अवधारणा है। धनवंतरि को भगवान विष्णु का अवतार और आयुर्वेद का आदि प्रवर्तक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय धनवंतरि अमृत कलश एवं दिव्य वनस्पति लेकर प्रकट हुए थे। कालांतर में आयुर्वेद की परंपरा खूब फली-फूली। चिकित्साशास्त्र की इसी परंपरा में धनवन्तरि वाटिका की अवधारणा सामने आई।
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में धनवंतरि वाटिका के ढाई दर्जन प्रजाति के पेड़-पौधों का जिक्र मिलता है। इनमें आंवला, अशोक, नीम, अर्जुन, बेल, जामुन, मौलश्री, मीठी नीम, कचनार, अमलताश, निर्गुंडी, अडूसा, हर¨सगार, गुड़हल, गुलाब, पपीता, गिलोय, शतावरी, तुलसी, नागरमोथा, अदरक, हल्दी, केला, अश्वगंधा, घृतकुमारी, ब्राह्मी, भुंई आंवला, पुनर्नवा, हरड़ एवं बहेड़ा शामिल है। धनवंतरि वाटिका विकसित करने की तैयारी कर रहे आचार्य शिवेंद्र के अनुसार इन वनस्पतियों की औषधीय महत्ता तो असंदिग्ध है ही और इन्हें एकसाथ वाटिका के रूप में रोपित कर इस वाटिका में नियमित विहार एवं ध्यान मात्र से ही शरीर को परिपूर्ण स्वस्थ रखा जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी आचार्य शिवेंद्र की संस्था 'सवेरा : एक संकल्प' के संयोजन में अगले माह पौराणिक महत्व के सरोवर भरतकुंड पर धनवंतरि वाटिका के रोपण के साथ इस प्रयोग की शुरुआत होगी। आचार्य की योजना जिलास्तर पर धनवंतरि वाटिका विकसित करने की है।
शास्त्रों एवं आयुर्वेदिक ग्रंथों का वास्ता देकर आचार्य कहते हैं कि वाटिका में न केवल वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के तौर पर स्थापित होने की सामर्थ्य है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की ²ष्टि से धनवंतरि वाटिकाएं अहम साबित हो सकती हैं। वे धनवंतरि वाटिकाओं को आर्थिक ²ष्टि से भी बेहद उपयोगी करार देते हैं। ऐसे दौर में जब चिकित्सा का व्यय असाध्य होता जा रहा है, तब धनवंतरि वाटिकाओं के जरिए न के बराबर व्यय से उपचार समाज के लिए संजीवनी सिद्ध हो सकता है। आचार्य शिवेंद्र गत पांच वर्षों में 10 हजार के करीब पौधे रोपित कर चुके हैं। इनमें कुछ पंचवटी, नवग्रह वाटिका एवं नक्षत्र वाटिकाएं शामिल हैं। पौधरोपण अभियान से जुड़े पूर्व के अनुभव के आधार पर आचार्य शिवेंद्र को विश्वास है कि निकट भविष्य में धनवंतरि वाटिका का प्रयोग प्रभावी सिद्ध होगा।

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