Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्र सरकार ने डीआरडीए से खींचे हाथ

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2021 11:08 PM (IST)

    जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए)

    Hero Image
    केंद्र सरकार ने डीआरडीए से खींचे हाथ

    अयोध्या: जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) से केंद्र सरकार ने हाथ खींच लिये हैं। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 31 मार्च तक इसके वजूद की डेडलाइन तय कर दी है। 31 मार्च के बाद इसका वजूद नहीं रहेगा। डीआरडीए से संचालित योजनाएं विकास विभाग का हिस्सा होंगी। वर्ष 1980 में डीआरडीए की स्थापना के समय मंशा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रोजगार परक योजनाओं को संचालित करना थी। समय के साथ जवाहर रोजगार योजना व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन इसमें जुड़ीं। सांसद व विधायक निधि भी इससे संचालित होने लगीं। डीआरडीए भारत सरकार की एजेंसी होने से उसके कर्मचारियों के वेतन मद में वह 40 फीसद धनराशि का सहयोग करती रही। 60 फीसद धनराशि राज्य सरकार वहन करती है। अब वेतन का भुगतान राज्य सरकार को करना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऑल इंडिया डीआरडीए इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष एसके त्रिपाठी ने बताया कि 31 मार्च के बाद डीआरडीए का वजूद नहीं रहेगा। 18 जुलाई 2016 को डीआरडीए के कर्मचारियों को विकास विभाग में शामिल कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा जरूर दिया गया। पहले इसके उसके कर्मचारी अ‌र्द्ध शासकीय रहे। सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद सेवानिवृत्त के बाद के देयकों के लाभ से वंचित हैं। एसोसिएशन लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ता रहा। त्रिपाठी यहीं के डीआरडीए में एई पद पर तैनात हैं। उनके अनुसार अब राज्य सरकार से वेतन मिलेगा। त्रिपाठी ने सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए अनुमन्य देयकों को दिलाये जाने की मांग प्रदेश सरकार से की है। तीन वर्ष पहले हो चुके इसके कर्मचारी सरकारी। डीडीओ ऑफिस से संचालित होंगी योजनाएं।