Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अविवि में पुस्तकालय के उच्चीकृत रीडिग रूम का लोकार्पण

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 15 Aug 2019 12:00 AM (IST)

    अयोध्या डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के महामना मदनमोहन मालवीय केंद्रीय पुस्तकालय में उच्चीकृत रीडिग रूम का लोकार्पण समारोह पूर्वक हुआ। मुख्य अतिथि समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री एवं कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने पुस्तकालय भवन में उच्चीकृत रीडिग रूम का लोकार्पण किया।

    Hero Image
    अविवि में पुस्तकालय के उच्चीकृत रीडिग रूम का लोकार्पण

    अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के महामना मदनमोहन मालवीय केंद्रीय पुस्तकालय में उच्चीकृत रीडिग रूम का लोकार्पण समारोह पूर्वक हुआ। मुख्य अतिथि समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री एवं कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने पुस्तकालय भवन में उच्चीकृत रीडिग रूम का लोकार्पण किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अतिथियों ने अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा ²श्यकला विभाग के संयुक्त संयोजन में बाल्मीकि मंच तथा प्रचेता भवन का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि शास्त्री ने कहा कि विश्वविद्यालय ने बाल्मीकि तथा प्रचेता भवन का उद्घाटन कर प्राचीन परपंरा को संजोया है। विश्व का पहला काव्य महर्षि बाल्मीकि ने रचा। पूरी दुनियां में भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय तक्षशिला और नालंदा प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने भारत की समृद्ध संस्कृति के लिए सभी वर्गों के योगदान को सराहा और कवि रसखान की रचना गुनगुनाई।

    कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि भारतीय शिक्षा प्राचीन काल से ही काफी समृद्ध रही है। पुस्तकालय संपूर्णता का आभास कराता है। कहा, भारत में 1823 के दौरान भारत की शिक्षा का प्रतिशत न्यूनतम 93 था। मैकाले ने महज 10 वर्षाें में शिक्षा क्षेत्र को क्षतिग्रस्त कर दिया। भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक गांव, एक पाठशाला एवं एक शिवाला की परपंरा को नेस्तनाबूत करने के लिए गांव पर कर लगा दिया। फलरूवरूप शिक्षा का ढांचा धीरे-धीरे बिगड़ता चला गया। अंग्रेजों की हूकूमत खत्म होने के बाद भी हम शिक्षा के उस स्तर को नहीं प्राप्त कर पाए। संचालन प्रो. विनोद श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर कार्यपरिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह, मुख्य नियंता प्रो. आरएन राय, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. राजीव गौड़, प्रो. मृदुला मिश्रा, प्रो. आरके तिवारी मौजूद रहे।