फार्म भरा, परीक्षा शुल्क जमा किया पर परीक्षा से वंचित
छात्रों का बर्बाद हो रहा करियर - कालेज बता रहे आनलाइन फार्म का प्रिट नहीं दिया इस वजह से नहीं हो सका सत्यापन ...और पढ़ें

प्रवीण तिवारी, अयोध्या: डा.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय व कालेजों की स्नातक विषय के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हो चुकी है। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने आनलाइन परीक्षा फार्म भरा और निर्धारित शुल्क भी विवि कोष में आनलाइन जमा किया, लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे। इन सभी को प्रवेश पत्र नहीं दिया जा रहा। पहले दिन ही साकेत कालेज में अकेले 50 से अधिक छात्र रोते बिलखते हुए केंद्र से वापस लौटना पड़ा था। इन सभी ने विवि की आनलाइन व आफलाइन की व्यवस्था के घालमेल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
वैभवी गुप्ता ने बताया कि परीक्षा फार्म महाविद्यालय से आनलाइन सत्यापित न होने का कारण बताकर प्रवेश पत्र नहीं दिया जा रहा है। यह बताया जा रहा है कि आपका प्रवेशपत्र विवि से जारी नहीं हुआ। इससे अभिभावक भी परेशान और निराश होकर व्यवस्था को दोषी ठहरा रहे हैं। बताया कि परीक्षा फार्म विश्वविद्यालय वेबसाइट पर भर कर परीक्षा शुल्क समय पर जमा कर दिया था। कालेज से बताया जा रहा है कि परीक्षा फार्म की प्रिटेड प्रति महाविद्यालय में जमा न होने से फार्म सत्यापित नहीं हो सका। शुचिता सिंह ने कहा कि महाविद्यालय की लागिन पर छात्रों का परीक्षा फार्म व इसका पूरा विवरण होता है, जिसे महाविद्यालय को सत्यापित करना चाहिए, इसमें प्रिट की क्या जरूरत। उन्होंने कहा कालेज ने निर्धारित समय पर फार्म का सत्यापन नहीं किया। इस वजह से परीक्षा से हम वंचित हो गए।
तुषार वर्मा ने कहा जब फार्म भरना और सत्यापन दोनों आनलाइन होता है तो फार्म की प्रिटेड कापी जमा कराने का कोई औचित्य नहीं है। अनेक अभ्यर्थी समझते हैं कि जब आनलाइन फार्म भर दिया, फीस जमा दी, बस प्रक्रिया पूरी हो गई। उन्होंने कहा कि आनलाइन फार्म भरते वक्त प्रिट जमा करने की सूचना नहीं दी जाती। फार्म पर भी इसका जिक्र नहीं है। परीक्षा से जुड़े कई लोगों ने माना कि यह व्यवस्था का दोष है, जब फार्म व फीस जमा है तो किसी को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता। बताया कि इस परिधि में विवि परिक्षेत्र के हजारों विद्यार्थी हैं। साकेत के प्राचार्य डा.अभय कुमार सिंह कहते हैं कि विवि का परीक्षा फार्म आनलाइन भरा जाता है। इसका प्रिट जमा कराकर इसे सत्यापित कराया जाता है। बाद में इसी से आनलाइन फार्मों का सत्यापन होता है।
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सभी को परीक्षा दिलाने की मांग
छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री अंकित त्रिपाठी ने कहा कि यह विडंबना है कि विद्यार्थियों की बहुत छोटी सी भूल या गलती की सजा उसके पूरे एक वर्ष को बर्बाद कर दी जा रही है। उनका कहना है कि जब आनलाइन फार्म भराया जाता है तो इसका प्रिट कालेज में जमा क्यों कराया जाता है। उन्होंने कहा कि कालेज प्रशासन को कालेज की वेबसाइट के फार्म को कालेज के डाटा से मिलान कर सत्यापित करना चाहिए। बताया कि वैसे भी प्रिटआउट तो उसी फार्म का है जो छात्र ने आनलाइन भरा है। उन्होंने कुलपति से ऐसे छात्रों की परीक्षा कराने की मांग की है।

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