अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्मित किए जाने के साथ निकट भविष्य में श्रद्धालुओं की संख्या में तीन से पांच गुणा तक वृद्धि संभावित है। इसी तथ्य को ध्यान में रख कर रामनगरी में अनेक मार्गों का उच्चीकरण किया जा रहा है। निकट भविष्य में ये मार्ग धर्म की राजधानी का मर्म उद्घाटित करेंगे।

इस वर्ष के अंत तक नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की स्थापना होनी है। तब तक जहां श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ चुका होगा, वहीं इस दबाव से निपटने के लिए उच्चीकृत मार्गो की जरूरत होगी। प्रशासन इस दिशा में पहले से सक्रियता बरत रहा है। उच्चीकृत होने वाले मार्गों के लिए गत वर्ष के उत्तरार्द्ध से ही प्रारंभ भूमि क्रय किए जाने और उसके समतलीकरण का अभियान पूरा कर लिया गया है और अब यत्र-तत्र इस भूमि पर उच्चीकृत मार्गों का खाका भी खिंचने लगा है।

मार्गों के उच्चीकरण का अभियान भी इसी वर्ष के अंत तक पूर्ण होना है। इन मार्गों में सर्वाधिक अहम रामपथ है। 13 किलोमीटर लंबा यह मार्ग रामनगरी के मेरुदंड की तरह आकार ले रहा है। इस मुख्य आंतरिक मार्ग से अनेक उप मार्ग संयोजित होंगे, जिससे होकर रामनगरी के सभी प्रमुख स्थलों तक पहुंचा जा सकता है। राम पथ की चौड़ाई भी श्रद्धालुओं के ज्वार को ध्यान में रख कर निर्धारित की गई है। यह मार्ग 20 से 40 मीटर तक चौड़ा है।

रामपथ से ही लगा वह नौ सौ मीटर लंबा भक्ति पथ है, जिससे गुजर कर श्रद्धालु हनुमानगढ़ी, कनकभवन होते हुए रामजन्मभूमि तक पहुंचेंगे। इसी रामपथ से संयोजित एक और उप मार्ग रामजन्मभूमि से जोड़ा जा रहा है। यह सात सौ मीटर लंबा है और इसकी चौड़ाई 30 मीटर है। यह मार्ग अपने प्रशस्त आकार-प्रकार के साथ निर्माण की गुणवत्ता, बुनियादी सुविधाओं और आवागमन के मानकों की दृष्टि से विश्व स्तर के होंगे। हाईवे से नयाघाट की ओर दो किलोमीटर लंबा धर्मपथ तथा हाईवे से महोबरा होते हुए टेढ़ीबाजार तक चार लेन का मार्ग भी श्रद्धालुओं को निर्बाध रूप से राममंदिर तक पहुंचायेगा।

Edited By: Prabhapunj Mishra