अयोध्या : राममंदिर के भूमि पूजन के दिन सजी-संवरी रामनगरी के पीछे 700 कर्मियों की कठिन मेहनत थी। नगर निगम ने महज सात दिनों के भीतर नगरी के स्वरूप को जो मोहक छवि प्रदान की वह निश्चित ही प्रशंसा का विषय है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल होने वाले थे इसलिए नगरी को व्यवस्थित करना बड़ी चुनौती भी थी, लेकिन अधिकारियों की सूझबूझ और कर्मचारियों की निष्ठा ने नगर निगम की साख को ऊंचा रखा। 25 जुलाई को यह तय हुआ कि भूमि पूजन में प्रधानमंत्री आएंगे। प्रशासन की ओर से रामनगरी को संवारने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गयी। नगर निगम के पास समय कम और चुनौती बड़ी थी। महापौर रिषिकेश उपाध्याय और नगर आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ला ने प्रशासन की मंशा को ²ष्टिगत रखते हुए मातहत अमले को उनके दायित्वों से अवगत कराया। 700 कर्मी रामनगरी को व्यवस्थित बनाने में लगाए गए, जिसमें पांच सौ सफाई कर्मियों की भागीदारी रही। नगर आयुक्त की ओर से 17 नोडल अधिकारी भी तैनात किए गए ताकि सभी कार्य किसी जिम्मेदार अधिकारी की निगरानी में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरे हों। रामनगरी में स्थित महापौर के कैंप कार्यालय को आयोजन तक नगर निगम के अस्थाई कार्यालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। सात के दिनों के भीतर वॉल पेंटिग, मकानों को पीले से रंग से रंगने, हनुमानगढ़ी रोड चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने सहित सड़क व नालियों की मरम्मत का कार्य किया गया। दो दिवसीय दीपोत्सव के दिन रामकीपैड़ी को स्वच्छ रखने के साथ ही मध्य रात्रि 12 बजे से सुबह साढ़े पांच बजे तक विशेष सफाई अभियान चलाकर पैड़ी को निर्मल किया गया।
700 कर्मियों ने सात दिन में चमका दी अयोध्या

राममंदिर के भूमि पूजन के दिन सजी-संवरी रामनगरी के पीछे 700 कर्मियों की कठिन मेहनत थी। नगर निगम ने महज सात दिनों के भीतर नगरी के स्वरूप को जो मोहक छवि प्रदान की वह निश्चित ही प्रशंसा का विषय है.
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