रामनगरी में भोले की भक्ति का शिखर परिभाषित
अयोध्या: रामनगरी में भोले बाबा का यूं ही डंका बजता है और यदि सावन का सोमवार हो, तो कहना ही क्या। यह
अयोध्या: रामनगरी में भोले बाबा का यूं ही डंका बजता है और यदि सावन का सोमवार हो, तो कहना ही क्या। यह सच्चाई सावन के तीसरे सोमवार पर बखूबी बयां हुई। बाबा के आम श्रद्धालुओं से लेकर केसरिया परिधान धारी कांवड़ियों से बाबा की भक्ति का शिखर परिभाषित हो रहा था। सावन के साथ ही कांवड़ियों की रफ्त-जफ्त से सुशोभित रामनगरी तीसरे सोमवार की पूर्व संध्या से ही शिव भक्तों से आप्लावित हो उठी थी। नगरी से जुड़ते विभिन्न मार्गों से लेकर आंतरिक मार्ग कांवड़ियों से पटे रहे। सोमवार की दस्तक के साथ कांवड़ियों का अंतहीन काफिला पुण्य सलिला सरयू की ओर उन्मुख हुआ। यह ²श्य ऐसा था जैसे केसरिया धार पुण्य सलिला की धवल धार में विसर्जित होने के लिए पूरी इठलाहट से आगे बढ़ रही हो। तड़के से ही केसरिया प्रवाह के सरयू में विसर्जन का सिलसिला सोमवार को पूरे दिन चला। यदि भोर से पूर्वाह्न के कुछ घंटों तक कांवड़ियों की भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस एवं प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, तो दिन के शेष समय भी कांवड़ियों के आगे प्रशासन को सांस लेने की मोहलत नहीं मिली। सरयू स्नान, बाबा के अभिषेक एवं कनकभवन, हनुमानगढ़ी आदि प्रमुख मंदिरों के दर्शन से निवृत्त हो, जितने कांवड़िए लौट रहे थे, तकरीबन उतने ही की आमद होती रही। सरयू तट से लेकर भोले बाबा की पौराणिक पीठ नागेश्वरनाथ के बीच का करीब तीन सौ मीटर का लंबा सफर यदि भोले के भक्तों की प्रतिबद्धता और अलमस्त भक्ति का वाहक रहा, तो यह फासला प्रशासन के लिए तलवार की धार से कम नहीं रहा। यद्यपि प्रशासन ने भीड़ नियंत्रित करने के पुख्ता इंतजाम किए थे और यही कारण रहा कि एड़ी से चोटी तक का पसीना एक करने के साथ प्रशासन सावन के तीसरे सोमवार की परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ। इस बीच श्रीराम अस्पताल के सामने से सरयू तट तक करीब तीन किलोमीटर लंबे मुख्य मार्ग पर पूरे दिन आस्था की सरयू हिलोर लेती रही।
मणिपर्वत मेला के साथ झूलनोत्सव कल से
बुधवार को सावन शुक्ल तृतीया की तिथि पड़ रही है और इसी के साथ झूलनोत्सव का आगाज भी होगा। शुरुआत मणिपर्वत मेला से होगी, जहां नगरी के दर्जनों मंदिरों से पालकी पर विराजमान भगवान राम एवं सीता के विग्रह को शोभायात्रा के साथ ले जाया जाएगा। शोभायात्राएं मणिपर्वत से लौटने के साथ ही नगरी के सैकड़ों मंदिरों में आराध्य की ¨हडोर तन जाएगी और ¨हडोरे पर विराजमान आराध्य के सम्मुख संगीत की महफिल सजेगी।
मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर बढ़ी गहमा-गहमी
बुधवार को झूलनोत्सव की शुरुआत के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन भी हो रहा है। वे मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष रामचंद्रदास परमहंस को 14वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री परमहंस के आश्रम दिगंबर अखाड़ा में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करने के साथ सरयू के संत तुलसीदास घाट स्थित परमहंस की समाधि पर श्रद्धांजलि देने भी जाएंगे।
नाका हनुमानगढ़ी में भी बिखरी भोले की भक्ति की छटा
फैजाबाद: भोले की भक्ति की छटा पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी में भी बिखरी। पीठ के उत्तराधिकारी पुजारी रामदास ने अनेक श्रद्धालुओं के साथ पीठ के पुरोहितों के मार्गदर्शन में बाबा का घंटों अभिषेक किया। भोले बाबा के साथ हनुमान जी का मंडप भी आस्था के केंद्र में रहा। पीठाधिपति महंत भास्करदास के संरक्षण में पुजारी रामदास ने बाबा के अभिषेक से पूर्व बजरंगबली का भी पूजन-अभिषेक एवं स्वर्ण-रजत आभूषण तथा नई पोशाक से हनुमान जी का दिव्य श्रृंगार किया। ..तो महिला श्रद्धालु भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने सुंदरकांड का पारायण किया। तदुपरांत भजन संध्या की छटा बिखरी। भोले की भक्ति और सावन के पारंपरिक संगीत में पगी प्रस्तुतियां भक्तों को विभोर करने वाली रहीं। भजन संध्या का संयोजन सविता ग्रोवर ने किया। कार्यक्रम में रीना, नम्रता, सोनी, शशि आदि कई दर्जन महिलाएं शामिल रहीं।
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