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    इटावा के गोरापुरा में अजगर निकलने से ग्रामीण दहशत में आए

    संवाद सूत्र उदी क्षेत्र के ग्राम गोरापुरा में अजगर निकलने से लोगों में मचा हड़कंप मच गया। वि

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 17 Jan 2021 10:29 PM (IST)
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    इटावा के गोरापुरा में अजगर निकलने से ग्रामीण दहशत में आए

    संवाद सूत्र, उदी : क्षेत्र के ग्राम गोरापुरा में अजगर निकलने से लोगों में मचा हड़कंप मच गया। विशाल अजगर को देखकर लोग दहशत में आ गये। क्षेत्रवासियों की सूचना पर वन विभाग ने पर्यावरण एवं वन्यजीव पर कार्य कर रही संस्था सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर स्कॉन के सचिव वन्यजीव विशेषज्ञ सर्प प्रेमी संजीव चौहान की टीम को अवगत कराया। स्कॉन टीम अपने उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची तथा कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को सुरक्षित पकड़ने में सफलता प्राप्त की। संस्था स्कॉन द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान का ही असर है कि कोई भी जीव-जंतुओं को कोई क्षति नहीं पहुंच रही है।

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    स्कान सचिव श्री चौहान ने बताया अजगर की यह प्रजाति पाइथन मौलूरस है। इसकी लंबाई लगभग 12 फीट और वजन करीब 45 किग्रा होगा। प्रभागीय निदेशक वन राजेश कुमार वर्मा के निर्देशन पर अजगर को सकुशल प्राकृतिकवास में छोड़ दिया गया। बचाव अभियान में वन क्षेत्राधिकारी बसरेहर शिवप्रसाद, विवेकानंद दुबे, वन दरोगा अजीतपाल सिंह, मिलाप सिंह यादव, सचिन कुमार, पम्मी तोमर, अमित सिंह, विजय पाल, संजीव यादव व रामवीर आदि लोग मौजूद रहे।

    किलकारी योजना से संभल रही मां-बच्चों की सेहत

    जागरण संवाददाता, इटावा : किलकारी मां की ममता ही नहीं लूटती है, अब वह शिशु और मां की सेहत का ख्याल भी रखेगी। जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को लेकर शुरू की गई खास योजना किलकारी में कोई भी मां मोबाइल फोन पर खुद व अपने बच्चे की सेहत से जुड़े सवाल पूछ सकती है। विशेषज्ञ न केवल उन्हें सलाह दे रहे हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर उपचार भी बताते हैं।

    मां और बच्चे की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कई कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। उन कार्यक्रमों में ही किलकारी योजना शुरू की गई है। इस खास योजना में बच्चों में कुपोषण, निमोनिया, पीलिया जैसे रोग के लक्षण एवं इन बीमारियों से बचाव के तरीके बताए जाते हैं। साथ ही बच्चे का नाम, जन्म की तारीख और उसका पता, प्रसूता के स्वस्थ रहने के टिप्स, संपूर्ण टीकाकरण, पोलियो, विटामिन खुराक की भी जानकारी दी जाएगी। अब तक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा वर्कर गर्भवती महिलाओं को सजग करती थीं। कई बार ऐसा होता था कि किसी गर्भवती महिला या प्रसूता के खुद या बच्चे से जु़ड़े ऐसे सवाल पूछ दिए जाते थे, जिनका उनके पास जवाब नहीं होता था पर अब ऐसा नहीं होगा। भ्रमण के दौरान आशा बहुएं गर्भवती महिलाओं या प्रसूताओं के घर जाकर उनका हालचाल पूछेंगी। अगर उनका कोई सवाल है तो घर से ही किलकारी का खास नंबर मिलाकर उनकी बात करा देंगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। जिले में अब तक 59,475 को इस योजना के तहत लाभ मिला है।

    किलकारी योजना पर स्वास्थ्य विभाग कार्य कर रहा है। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की मां को मोबाइल पर जानकारी दी जा रही है। कोरोना संक्रमण के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी कोविड में लगा दी गई थी, लेकिन अब फिर से किलकारी योजना पर काम शुरू हो गया है।

    डॉ. एनएस तोमर, सीएमओ