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    साथिया केंद्र बने किशोरों की मन की बात के माध्यम

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 05 Mar 2022 06:18 PM (IST)

    जागरण संवाददाता इटावा किशोरावस्था बदलाव का दौर होता है जिसमें शारीरिक व मानसिक बदल

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    साथिया केंद्र बने किशोरों की मन की बात के माध्यम

    जागरण संवाददाता, इटावा : किशोरावस्था बदलाव का दौर होता है, जिसमें शारीरिक व मानसिक बदलाव होते हैं। इस बदलाव के दौर की उत्सुकता व दिक्कतों के समुचित समाधान के लिए अधिकांश किशोर-किशोरी सकुचाते हैं। इसके तहत जिला अस्पताल में पुरुष तथा महिला अस्पताल दो साथिया केंद्र स्थापित किए गए तो किशोर बेझिझक होकर अपने मन की बात कहकर समस्या का बेहतर समाधान पा रहे हैं। जिला पुरुष अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एमएम आर्या ने बताया कि इस उम्र में किशोर-किशोरी यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रूप से परिपक्व होने लगते हैं ऐसे में उनके मन में अनसुलझे सवाल, शंकाएं व जिज्ञासा होती है जिनके समाधान के लिए यह केंद्र प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। काउंसलर निखिल ने बताया कि अप्रैल 2021 से अब तक 1674 किशोरों ने साथिया केंद्र पर अपनी समस्याओं के संदर्भ में निश्शुल्क काउंसलिग ली। केंद्र पर पोषण, यौन दिक्कत, नशावृत्ति, निराशा, मानसिक तनाव व अन्य समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं और अपने मन की बात बताते हैं। केंद्र पर उनकी निश्शुल्क काउंसलिग की जाती है और उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। महिला अस्पताल साथिया केंद्र की काउंसलर प्रेमलता ने बताया कि अप्रैल 2021 से अब तक 2349 किशोरियों की काउंसलिग कर चुकी हैं। अधिकतर किशोरियां पहली और दूसरी बार में संकोच बस बहुत सी बातें नहीं बता पाती हैं लेकिन जब उनकी काउंसलिग की जाती है तो वह खुल कर बात करती है। जिला महिला अस्पताल में प्रजनन स्वास्थ्य,पोषण, एनीमिया व अन्य बीमारियां,माहवारी, प्रजनन तंत्र संक्रमण, यौनजनित रोग, मानसिक तनाव घरेलू हिसा आदि समस्याओं के संदर्भ में निश्शुल्क काउंसलिग करके मार्ग दर्शन किया जाता है। जमकर कर रहे मन की बात 17 वर्षीय किशोरी ने बताया कि मुझे माहवारी संबंधी समस्या थी जिसके कारण तनाव में रहती थी। जब साथिया केंद्र पर आकर दर्द बताया तो अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं। मैं सभी से कहना चाहती हूं किसी भी तरह की कोई समस्या है तो जिला अस्पताल आकर इस सेवा का लाभ अवश्य लें। 15 वर्षीय किशोर ने बताया कि मैं साथिया केंद्र पर जब गया तो बहुत ही निराशाजनक स्थिति में था। काउंसलर निखिल के द्वारा मुझे पोषण संबंधित उचित मार्गदर्शन प्राप्त हुआ और आज मैं अपने आप को पहले से मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।

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