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    धर्म परिवर्तन कर आरक्षण लेने वालों पर प्रशासन की नज़र

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 04:58 PM (IST)

    उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, ईसाई धर्म अपनाने के बाद आरक्षण का लाभ लेने वालों पर प्रशासन की कड़ी नजर है। प्रशासन ऐसे लोगों की पहचान कर रहा है जिन्हों ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, इटावा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईसाई धर्म अपनाकर एससीएसटी आरक्षण का लाभ लेने वाले अब प्रशासन के रडार पर हैं। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में अभी शासन स्तर से जांच संबंधी कोई आदेश नहीं आया है। इस आदेश का अभी इंतजार किया जा रहा है। आदेश मिलने के बाद ही जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ायी जा सकेगी।

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    जिले में ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण कराने को लेकर बाहरी शोरगुल नहीं कर रहीं परंतु उनका अंदर ही अंदर काम चलता है। पहले समाज के कमजोर तबके को निशाने पर लिया जाता है। उन्हें तरह-तरह से प्रलोभन आदि देकर सिर्फ पूजा पद्धति अपनाने पर जोर दिया जाता है, जिससे वे कन्वर्ट भी हो जाएं और कहीं शोर गुल भी न हो।

    जिले में फिलहाल मतांतरण का कोई मामला पिछले कई सालों से सामने भी नहीं आया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठनों की निगाह भी इन गतिविधियों पर बहुत सूक्ष्म रहती है।

    विहिप द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में बढ़पुरा विकास खंड के बीलमपुर, महेवा के नगला सुंदर सिंह, राम बाग लुधियानी, मिलख, सराय इलाही, भूलपुरा, बसरेहर के ग्राम बरालोकपुर और जसवंतनगर विकास खंड के तमेरी एवं नगला लच्छी बलरई में मिशनरियों की सक्रियता देखने को मिली है। इनमें ज्यादातर गांव अनुसूचित जाति बाहुल्य हैं।

    रिपोर्ट के मुताबिक यहां के निवासियों को पूजा पद्धति बदलने के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसे लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके इसलिए वे दिखावा यही करते रहें कि हिंदू धर्म में ही हैं और कर्म से मन से ईसाई हो जाएं।

    विहिप जिला अध्यक्ष अमित दीक्षित ने बताया कि हाईकोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है। विहिप कार्यकर्ता ऐसे लोगों की पहचान कर रहे हैं जो धर्म परिवर्तन के बाद भी सरकारी योजनाओं में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं। ऐसे लोगों के बारे में शासन प्रशासन को सूचित किया जाएगा।

    जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद अभी शासन से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश आने के बाद सभी विभागों से जनपद में इस संबंध में जानकारी मांगी जाएगी। अगर कोई मामला सामने आता है तो इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।