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    कार में कछुओं को लेकर घूम रहे थे दो युवक, पुलिस ने पकड़ा तो उड़ गए होश, बताया- सेक्सवर्धक दवाइयों में करते हैं इस्तेमाल

    Updated: Wed, 21 May 2025 12:37 PM (IST)

    इटावा में मैनपुरी के दो तस्कर 22 दुर्लभ कछुओं के साथ गिरफ्तार हुए। वन विभाग और पुलिस ने आईटीआई चौराहा पर कार्रवाई की। तस्कर कछुओं को सेक्सवर्धक दवाइयों में इस्तेमाल के लिए कोलकाता ले जा रहे थे। बरामद कछुए बटागुर प्रजाति के हैं जो गंगा और चंबल में पाए जाते हैं। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

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    पकड़े गए कछुआ तस्कर संतोष व रिजवान और बरामद कछुए। जागरण

    जागरण संवाददाता, इटावा। मैनपुरी जनपद से कोलकाता तस्करी कर ले जाए जा रहे दुर्लभ प्रजाति के 22 कछुओं समेत दो तस्करों को सोमवार देर रात आईटीआई चौराहा पर वन विभाग और सिविल लाइंस पुलिस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर गिरफ्तार किया है। 

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    इनके कब्जे से रेड क्राउन रूफ टर्टल प्रजाति के 22 (बटागुर कछुए) बरामद हुए हैं जो कि पकड़े गए तस्कर इन कछुओं को सेक्सवर्धक दवाइयों के इस्तेमाल के लिए अधिक दामों में बेचने के लिए कोलकाता ले जाने की फिराक में थे।

    यह है पूरा मामला

    उप प्रभागीय अधिकारी विमल कुमार ने बताया कि सोमवार देर शाम टीम को सूचना मिली थी, जनपद मैनपुरी से कुछ कछुआ तस्कर नेशनल हाईवे होकर दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को कार में छिपाकर आईटीआई होकर कोलकाता ले जाने वाले हैं। 

    इस सूचना पर क्षेत्रीय वनाधिकारी बसरेहर अमित कुमार सिंह, वन दारोगा श्रीनिवास पांडेय, वन रक्षक सचिन और योगेन्द्र कुमार सिविल लाइंस थाना पुलिस बल के साथ आईटीआई चौराहे पर पहुंच गए और चेकिंग शुरू कर दी। 

    शाम करीब साढ़े पांच बजे मैनपुरी की तरफ से आ रही एक बैगन आर कार को जब रुकने का इशारा किया तो वह वापस मोड़कर भागने लगे। इस पर टीम ने घेराबंदी कर कार को रोककर उसमें सवार दो तस्कर भोगांव-मैनपुरी निवासी संतोष पुत्र महेंद्र कुमार एवं रिजवान पुत्र गुल मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया।

    कार की तलाशी लेने पर बाेरे से दुर्लभ बटागुर प्रजाति के 22 कछुए बरामद हुए। कछुओं के संबंध में पूछताछ पर बताया कि कछुओं को अलग-अलग स्थानों से लाकर एकत्रित करके कोलकाता बेचने जा रहे थे। 

    दोनों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39, 48, 49बी, 50, 51 एवं 5 के तहत मामला दर्ज कर मंगलवार को जेल भेजा गया। साथ ही जब्त किए गए कछुओं को वन विभाग की निगरानी में सुरक्षित रखा गया है।

    गंगा, चंबल और एशियाई सागर में पाए जाते हैं यह बटागुर कछुए

    वन्य जीव संस्थान के पूर्व संरक्षण अधिकारी डॉ. राजीव चौहान ने बताया कि तस्करों से बरामद हुए कछुए बटागुर प्रजाति के हैं। इनका अंग्रेजी नाम रेड क्राउन रूफ टर्टल हैं जो कि एक संरक्षित प्रजाति है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संकटग्रस्त भी माना जाता है। 

    यह अमूमन गंगा, चंबल समेत एशियाई सागर में पाए जाते है। इनकी तस्करी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है। 

    उन्होंने यह भी बताया कि इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। ये देखने में सुंदर होते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल घरों में रखने में भी होता। सेक्स क्षमता को बढ़ाने के लिए कोलकता, बंगाल आदि में लोग इनके मीट का प्रयोग करते हैं साथ ही सूप भी बनाते हैं।