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    UPPCL: यूपी के इस इलाके में नहीं आ रही है बिजली, 36 घंटे तक गुल; एक-एक बूंद पानी को तरसे लोग

    उदी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है। हल्की बारिश से भी घंटों बिजली गुल रहती है जिससे कई गांवों में अंधेरा छाया रहता है और पानी की किल्लत हो जाती है। 33 केवी लाइन में फाल्ट होने के कारण आपूर्ति बाधित है और अधिकारी जल्द ठीक करने का आश्वासन दे रहे हैं। जर्जर तारों और इंसुलेटरों के कारण समस्या बनी हुई है।

    By Bhupendra Singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 20 Jun 2025 07:32 PM (IST)
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    बिजली : 36 घंटे बीत जाने के बाद बिजली न आने पर पानी को भटके एक सैकड़ा गांव के लोग

    संवाद सूत्र, उदी। बढ़पुरा क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है, हल्की वर्षा से ही 24 से 36 घंटे तक बिजली गायब हो जाती है। बीते बुधवार की रात्रि 11 बजे करीब हुई बरसात के बाद जो विद्युत आपूर्ति बाधित हुई तो उसके बाद शुक्रवार को दोपहर 12 बजे तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी। जिससे क्षेत्र में स्थापित दो उपकेंद्र उदी व पछायगांव के करीब एक सैकड़ा गांव के लोगों को जहां रातें अंधेरे में काटनी पड़ी तो वहीं लोग एक-एक बूंद पानी को भटके। विद्युत अधिकारी कुछ देर में बिजली आने का आश्वासन देते रहे।

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    उदी एवं पछायगांव दोनों विद्युत उपकेंद्रों से करीब ढाई दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों को विद्युत सप्लाई होती है। बीते बुधवार की रात हुई बरसात के चलते विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी। जानकारी करने पर उपकेंद्र पर तैनात कर्मचारी द्वारा 33 केवी लाइन में फाल्ट बताया गया तथा जल्द ठीक होने का लोगों को आश्वासन दिया गया।

    लेकिन गुरुवार को एक बजे तक सप्लाई नहीं हो सकी, एक बजे के बाद विद्युत टेस्टिंग में कुछ देर क्षेत्र में सप्लाई चली लेकिन जब तक लोग पानी भी नहीं भर सके कि बिजली गुल हो गई तो उसके बाद शुक्रवार दोपहर बाद तक दर्शन नहीं हुए।

    बताया गया कि 33 केवी लाइन पुनः फाल्ट में आ गई है जिसकी जांच पड़ताल व फाल्ट खोजने काम शुरू हो गया है। लेकिन उसके बाद दोनों उपकेंद्र के जिम्मेदार अधिकारियों के फोन बंद हो गए। ऐसे में बुधवार रात से सप्लाई गायब होने के कारण इनवर्टर पहले ही दगा दे गए थे। रात काटना मुश्किल हुई तो वहीं बूंद-बूंद पानी को तरस गए।

    क्षेत्र में कुनेरा पावर हाउस से 33 केवी लाइन के माध्यम से सप्लाई दी जाती है जिसमें करीब 19 किमी से अधिक रास्ता बीहड़ का है, जहां फाल्ट होने के बाद कर्मचारियों को फाल्ट खोजने में लिए काफी मुश्किलों से जूझना पड़ता है।

    तो वहीं उच्च अधिकारियों की अनदेखी के चलते उपरोक्त 33 केवी ही नही सभी विद्युत लाइनों पर जर्जर पुराने तार से सप्लाई होती आ रही है। इंसुलेटर वर्षो से नहीं बदले गए। जिस कारण क्षेत्र में बिजली सप्लाई मजाक बनी हुई है। क्षेत्र में विकास खंड कार्यालय, पांच-पांच पेट्रोल पंप, महत्वपूर्ण बैंकों के अलावा पीजी एवं अन्य स्कूल-कालेज तथा सरकारी गैर सरकारी तमाम संस्थाएं भी है जिनके काम भी प्रभावित होते आ रहे हैं।