सिर्फ 429 रुपये में गाय-भैंस का बीमा! योगी सरकार दे रही 85% अनुदान, पशुपालक कैसे उठाएं लाभ?
पशुधन बीमा योजना केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जा रही है। इसमें पशुपालक कम प्रीमियम पर अपने पशुओं का बीमा करा सकते हैं। गाय भैंस जैसे पशुओं के लिए सालाना प्रीमियम 429 से 495 रुपये है। यह योजना पशुओं की मृत्यु होने पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है जिससे किसानों को काफी सहारा मिलता है। सरकार द्वारा 85% तक प्रीमियम का अनुदान दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, इटावा। पशुधन बीमा योजना का संचालन केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत पशुपालक अपने पशुओं का बीमा करा सकते हैं। पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत चयनित सभी वर्ग के पशुपालक मात्र 15% प्रीमियम देकर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
शेष प्रीमियम 85 प्रतिशत राशि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा बहन की जाएगी। पशुपालक 495 रुपए का प्रीमियम देकर भैंस और गाय के लिए 429 रुपये सालाना देकर बीमा करा सकते हैं।
पशुपालन को किसानों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. खेती में होने वाले नुकसान की भरपाई किसान पशुपालन से ही करते हैं. एक ओर जहां पशुपालन से खेतों को प्राकृतिक उर्वरक मिलता है. वहीं दूध और पशुओं के बच्चों की बिक्री से किसानों को अच्छी आय हो जाती है. ऐसे में खेती और पशुपालन सह-कारोबार के रूप में उभरकर सामने आए हैं. किसानों का पूरा जोर पशुपालन पर है।
इस योजना के अंतर्गत पशुओं का एक वर्ष, दो या तीन वर्ष की अवधि के लिए बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए एसडीएफसी इरगो का चयन किया गया है जो हिंदुस्तान इंश्योरेंस ब्रोकर लिमिटेड की देख- रेख में हो रहा है। समन्वयक दीपक सिंह बताया कि इसी माह से कार्य शुरू किया गया है इसके लिए ब्लाक स्तर ग्यारह सौ पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा है। हर प्वाइंट आफ सेल पर बीमा सहयोगी चिकित्सक एवं पशुधन प्रसार अधिकारी के संपर्क में है।
योजना में दो प्रकार के पशुओं का चयन किया गया है। बड़े पशु एवं छोटे पशु। बड़े पशुओं में गाय, भैंस, घोडा, ऊंट, गधा, खच्चर एवं कैल तथा छोटे पशुओं में भेड़, बकरी, खरगोश एवं सुअर शामिल है। एक लाभार्थी अधिकतम 10 बड़े पशुओं और 100 छोटे पशुओं में बकरी व भेड़ एवं 50 सुअर या खरगोश का ही बीमा करा सकते हैं। जनपद में एक लाख चार हजार गाय तीन लाख तिरासी हजार भैंस और दो लाख तितालीस हजार बकरियां है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार यह योजना पिछले साल बंद चल रही थी, लेकिन अब एक बार फिर इसे सुचार रूप से संचालित कर दिया गया है। इस योजना में सभी वर्गों के पशुपालकों को जोखिम से बचाया जा सके। इसके लिए समान प्रीमियम में केंद्र सरकार द्वारा 51 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 34 प्रतिशत कुल 85 प्रतिशत अनुदान है।
इस बीमा के लिए शासन ने गाय का अधिकतम बीमा मूल्य 65 हजार, भैंस का अधिकतम 75 हजार और बकरी छह हजार पांच सौ रुपये मान रही है। एक वर्ष से तीन वर्ष तक का बीमा विभाग के मानकों के अनसार कराया जा सकता है। पशुपालक 495 रुपए का प्रीमियम देकर भैंस और गाय के लिए 429 रुपये सालाना देकर बीमा करा सकते हैं।
बीमा कवरेज इस योजना के अंतर्गत पशु की सामान्य मृत्यु, दुर्घटनावश मृत्यु, बीमारी से मृत्यु तथा प्राकृतिक आपदा से मृत्यु को कवर किया जाता है। बीमारी से मृत्यु होने पर पशुचिकित्सा अधिकारी द्वारा किए गए उपचार का विवरण देना अनिवार्य है। सामान्य दशा में पशु की मृत्यु होने पर बीमा का आवरण पालिसी प्रारंभ होने के 21 दिन के बाद ही प्रभावी होगा। यदि पशु की मृत्यु किसी दुर्घटना में होती है तो बीमा आवरण पालिसी प्रारंभ तिथि से ही प्रभावी होगा।
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