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    Mulayam Singh Yadav : सैफई मैदान में राजकीय सम्मान के साथ मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार, उमड़ा गम का समंदर

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Mishra
    Updated: Tue, 11 Oct 2022 10:24 PM (IST)

    इटावा के सैफई महोत्सव मैदान में राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार किया गया। अपनों की भीड़ ने नम आंखों से प्रिय ...और पढ़ें

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    मुलायम सिंह यादव के निधन पर हर आंख रोई।

    इटावा, [गौरव दीक्षित]। सात बार सांसद और आठ बार विधायक चुनकर जनता की सेवा करने वाले पिछड़ों के नेता पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को अनंत यात्रा पर चले गए। जब तक सूरज चांद रहेगा, नेताजी का नाम रहेगा के गगनभेदी नारों के बीच वह पंचतत्व में विलीन हो गए।

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    उनके बड़े पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्थिव शरीर को उसी जगह के पास मुखाग्नि दी, जहां नेताजी की पत्नी व अखिलेश की मां मालती देवी का अंतिम संस्कार 2003 में किया गया था। सैफई महोत्सव मैदान में राजकीय सम्मान के साथ किए अंतिम संस्कार के दौरान दलों के बंधन टूट गए।

    लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, विभिन्न दलों के राजनेता, शीर्ष उद्यमी और बालीवुड के लोगों के साथ अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए सैफई में लाखों लोगों की भीड़ खड़ी दिखी।

    तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। 82 वर्ष के मुलायम लंबे समय से बीमार थे। उनका पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर बाद जन्मभूमि सैफई लाया गया था। उसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे।

    इसके बाद रात भर नेताजी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया, जहां देश-प्रदेश से तमाम समर्थक, शुभचिंतक पहुंचते रहे। मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे फूलों से सजे रथ से पार्थिव शरीर को गांव के बाहर सैफई महोत्सव पंडाल लाया गया तो सैफई की सड़कों व गलियों में मौजूद बड़ी संख्या में समर्थक दौड़ पड़े।

    हर कोई उनकी एक झलक पा लेने के लिए कुछ भी करने को तैयार दिखा। गगनभेदी नारों के बीच हर कोई आगे बढ़कर अपने नेता के अंतिम दर्शन करने में जुटा रहा। यह सिलसिला दोपहर ढाई बजे तक चला। महोत्सव पंडाल में सबसे पहले जिलाधिकारी अनवीश राय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से नेताजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। दलगत राजनीति से परे रहे मुलायम को पक्ष-विपक्ष के नेताओं समेत समर्थक श्रद्धांजलि देने के लिए शाम तक पहुंचते रहे।

    जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है, धरतीपुत्र अमर रहें के गगनभेदी नारों की गूंज चारों ओर सुनाई पड़ती रही। सोमवार रात कुछ बूंदाबांदी जरूर हुई थी, लेकिन मंगलवार को कभी धूप तो कभी बदली से आई छांव के बीच मौसम भी नेताजी को अंतिम विदाई देता नजर आया। लगा कि वह भी समाजवाद के धुरंधर नेता के अंतिम समय में साथ खड़ा है।

    बड़ी संख्या में जुटी भीड़ अपने नेता के लिए कुछ ऐसे बेताब थी कि उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने गए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव व कविता राव और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति धक्कामुक्की की शिकार हो गईं। के चंद्रशेखर राव गिर पड़े और भीड़ के पैरों तले कुचलते बचे। वहीं, गिरने से साध्वी निरंजन ज्योति के बाएं हाथ की कोहनी के पास फ्रैक्चर हो गया। उन्हें संभालते हुए पूर्व मंत्री मनोज पांडेय ने अपना अंगौछा फाड़कर तत्काल उनके हाथ में बांधा।

    जगदंबिका पाल और पूर्व मंत्री रामगोविंद चौधरी ने उन्हें सहारा देकर भीड़ से बाहर निकाला। दोपहर ढाई बजे नेताजी के पार्थिव शरीर को महोत्सव पंडाल से थोड़ा दूर अंत्येष्टि स्थल ले जाया गया। इस दौरान रथ पर अखिलेश यादव के साथ बाबा रामदेव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव समेत स्वजन मौजूद रहे।

    सोमवार रात ही अंत्येष्टि के लिए बनाए जा चुके चबूतरे पर कन्नौज से लाई गई चंदन की लकड़ी पर पार्थिव शरीर रखा गया। यहां भी लोगों की संख्या इतनी ज्यादा रही कि चबूतरे से लेकर पूरे मैदान में धक्कामुक्की के हालात बने रहे। इसके बावजूद कोई भी तब तक टस से मस नहीं हुआ, जब तक कि नेताजी पंचतत्व में विलीन नहीं हो गए। पंचक में मुलायम सिंह का निधन हुआ, लेकिन अंतिम संस्कार के समय तक वो काल समाप्त हो गया था।

    केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व प्रमोद तिवारी, बांकेबिहारी मंदिर के पुजारी गोपी समेत तमाम राजनेताओं ने अंत्येष्टि स्थल पहुंचकर सपा संरक्षक को श्रद्धासुमन अर्पित कर अखिलेश को ढांढस बंधाया।

    वरुण गांधी ने उन्हें गले लगाया तो माहौल भावुक हो गया। इस बीच सैफई की सड़कों पर अपने लाल के लिए जनसैलाब सबकुछ अपनी आंखों में समेट लेने के प्रयास करते दिखा।

    अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहा पूरा परिवार

    सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार के समय उनका पूरा परिवार मौजूद रहा। मुलायम के चचेरे भाई व सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव, भाई अभयराम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, उनके पुत्र प्रतीक यादव, पुत्रवधू डिंपल यादव व अपर्णा यादव, अनुराग यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव, ब्लाक प्रमुख सैफई मृदुला यादव, अक्षय यादव आदि मौजूद रहे।

    इन हस्तियों ने भी दी अंतिम विदाई

    आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सुप्रिया सुले व प्रफुल्ल पटेल, माकपा के महासचिव प्रकाश करात, सीताराम येचुरी, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान व उनके बेटे अब्दुला आजम खान, स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मंत्री किरणमय नंदा, उद्यमी अनिल अंबानी, सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा, फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की पत्नी व सपा सांसद जया बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन, भाजपा सांसद मेनका गांधी व उनके सांसद पुत्र वरुण गांधी, आप नेता संजय सिंह, भाजपा नेता रीता बहुगुणा जोशी, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी, सांसद इटावा राम शंकर कठेरिया, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, कांग्रेस नेता कमलनाथ, सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, सुबोधकांत सहाय, किसान नेता राकेश टिकैत, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह, पूर्व मंत्री बलराम सिंह यादव, प्रदेश के मंत्रियों में जतिन प्रसाद, जयवीर सिंह, सुरेश खन्ना व राकेश सचान, पूर्व मंत्री उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, इटावा सदर विधायक सरित भदौरिया आदि मौजूद रहे।