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    दिवाली के बाद इटावा सफारी में खुले मैदान में दिखेंगे तेंदुए के शावक, बढ़ेगा पर्यटकों का रोमांच

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 08:00 AM (IST)

    दिवाली के बाद इटावा सफारी पार्क में तेंदुए के शावक खुले मैदान में दिखेंगे। सफारी प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इस कदम से इटावा सफारी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और दर्शकों को आकर्षित किया जा सकेगा। शावकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। खुले मैदान में शावकों को देखना पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव होगा।

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    गौरव डुडेजा, इटावा। इटावा सफारी पार्क स्थित लेपर्ड सफारी में दीपावली के बाद पर्यटकों को तेंदुआ के शावक दिखने लगेंगे। अभी तक पिंजरे में बंद तेंदुआ के शावक (छह माह से एक साल उम्र) सबसे पहले खुले मैदान में छोड़े जाएंगे। इसके बाद तेंदुआ भी दिखेंगे।

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    अभी सफारी में दस शावक सहित 24 तेंदुआ हैं। इन्हें पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल में छोड़ा जाएगा। लेपर्ड सफारी का क्षेत्रफल 21 हेक्टेयर का है। इसको खाेलने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। यहां आगरा से दो घंटे में व राजधानी लखनऊ से साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है। यहां शेर सफारी, हिरण सफारी, एंटीलोप सफारी, भालू सफारी भी है।

    सफारी को खोलने के दिए थे निर्देश

    हाल ही में प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने सफारी का निरीक्षण किया था और लेपर्ड सफारी को खोलने के निर्देश दिए थे। सफारी प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है। शुरूआती दौर में लेपर्ड के चार शावक खुले मैदान में पर्यटकों के लिए छोड़े जाएंगे। अभी सफारी में 10 लेपर्ड के शावक सहित 24 लेपर्ड का कुनबा मौजूद है।


    इटावा सफारी पार्क में आने वाले पर्यटक शेरों के साथ लेपर्ड को भी देखना चाहते हैं। अभी लेपर्ड के खुले में दीदार नहीं हो पा रहे हैं जिसके कारण पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। सफारी प्रशासन के पास 24 लेपर्ड का कुनबा मौजूद है। इनमें से ज्यादातर लेपर्ड पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जंगलों से रेस्क्यू कर लाए गए हैं। कई लेपर्ड तो घायलावस्था में लाए गए थे इनको ठीक किया गया है। पिछले वर्ष लेपर्ड सफारी को खोलने में बजट की समस्या आड़े हाथों आयी थी। सफारी की फेंसिंग टूट जाने के कारण इसे खोलना सुरक्षित नहीं समझा गया था लेकिन इसे अब ठीक कर लिया गया है।

    19 शेरों का कुनबा है सफारी पार्क में

    सफारी पार्क में वन्य जीवों की बात करें तो यहां पर 19 शेर, 160 एंटीलोप, 90 चीतल, 18 सांभर, 2 बारहसिंघा, 6 भालू व 24 लेपर्ड का कुनवा रह रहा है। यहां से आगरा व ग्वालियर से दो घंटे में व लखनऊ से साढ़े तीन घंटे में सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग के इटावा जंक्शन से इसकी दूरी केवल 4 किमी है। यहां आटो से जा सकते हैं। सफारी पार्क में भारतीय पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 250 रुपये व विदेशी पर्यटकों के लिए 625 रुपये रखा गया है। यहां प्रतिदिन औसतन 300 व साल में 1 लाख पर्यटक आते हैं। सोमवार को सफारी पार्क बंद रहता है।


    लेपर्ड सफारी में खुला विचरण करते हुए पर्यटकों को दीपावली के बाद दीदार कराया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। शुरूआत में चार छोटे लेपर्ड छोड़े जाएंगे, उसके बाद इनकी संख्या को और बढ़ाया जाएगा। इनके पर्यटकों के साथ व्यवहार पर भी निगरानी की जाएगी।
    डॉ. अनिल पटेल, निदेशक, इटावा सफारी पार्क