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    अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग, आनलाइन गेमिंग से लेकर सेविंग अकाउंट में करते ऐसे खेल, तीन देशों से जुड़े तार

    By gaurav dudeja Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sun, 20 Jul 2025 09:41 PM (IST)

    Etawah News इटावा में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग पकड़े गए हैं। बैंक में चालू खाता खुलवाकर आनलाइन गेमिंग के धन को अपने खातों में डलवाने वाले चार अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।चीन हांगकांड इंडोनेशिया से 100 करोड़ रुपये तक की ठगी के प्रयास की बात सामने आई है।

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    पकड़े गए साइबर ठग दाएं से यश आर्या, यश प्रताप सिंह, हिमांशु शर्मा व हिमांशु चौधरी। जागरण

    जागरण संवाददाता, इटावा। पुलिस ने फर्जी दस्तावजों से बैंक में चालू खाता खुलवाकर आनलाइन गेमिंग के धन को अपने खातों में डलवाने वाले चार अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह लोग आनलाइन गेमिंग के जरिए आने वाले धन को अपने खातों में डलवाते थे और उस पर चार प्रतिशत कमीशन पाते थे।

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    आरोपितों के मोबाइल से चीन, हांगकांड, इंडोनेशिया से 100 करोड़ रुपये तक की ठगी करने के प्रयास की चैट में बात सामने आयी है। इसके लिए चालू खातों की संख्या बढ़ाने का प्रयास चल रहा था। पुलिस को इनके 80 लाख के एक खाते का पता चलने पर इन्हें पकड़ा गया। इनमें एक आरोपित इटावा व तीन झांसी, बुलंदशहर व बलिया जनपद के हैं। इनके पास से एक इंडोनेशिया का सिमकार्ड भी मिला है।

    शनिवार की रात को थाना कोतवाली पुलिस, एसओजी, सर्विलांस टीम को सूचना मिली थी कि चार ठग वाइस ख्वाजा के पास खड़े हुए हैं। पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर लिया। इनमें यश प्रताप सिंह पुत्र संजय प्रताप सिंह निवासी सहतवार जनपद बलिया, यश आर्या पुत्र हरिशंकर आर्य निवासी हरी बिहार कालोनी थाना कोतवाली झांसी, हिमांशु शर्मा पुत्र कमल किशोर शर्मा निवासी मदाइन थाना बढ़पुरा जनपद इटावा, हिमांशु चौधरी पुत्र हरेंद्र चौधरी निवासी जगदीशपुर थाना अहमदगढ़ बुलंदशहर शामिल हैं।

    इनके पास से छह मोबाइल फोन, एक पेनड्राइव, तीन पासबुक, सात चेकबुक, दो आधारकार्ड, 13 एटीएम कार्ड, तीन क्यूआर कोड, एक फर्म की मोहर, मोटरसाइकिल, कार व इंडोनेशिया की सिम बरामद की गई है।

    एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस लाइन में पत्रकारों को बताया कि इन लोगों को साइबर ठगी बड़े स्तर पर करने के लिए चालू खाते की आवश्यकता होती थी इस लिए यह लोग फर्म या लघु उद्योग के नाम पर एमएसएमएई का सर्टिफिकेट बनवाते थे और उसी के नाम से बैंक में चालू खाता खोलकर टेलीग्राम एप व वाट्सएप के पैनल ग्रुप पर भेजते थे। इससे भेजे गए लिंक से आनलाइन गेम के जरिए रुपया गेमिंग कंपनी के खातों में आता था।

    टेलीग्राम ग्रुप व वाट्सएप के पैनल ग्रुप में भेजे गये खातों में से प्रत्येक खाते में एक करोड़ रुपये की धनराशि का ट्रांजेक्शन कर लेते हैं। जिसमें से तीन से चार प्रतिशत कमीशन मिलता है, जिसे आपस में बांट लेते हैं। लोगों से टेलीग्राम एप पर @ एमएकेओकेओओ 8696 और वाट्सएप ग्रुप राय ग्रुप एंड डालर @ पर आनलाइन बिना पंजीकरण वाले मोबाइल गेम पर अपना लिंक एड कराकर आफर देते थे। गेमिंग कंपनी फर्जी करंट अकाउंट खुलवाने के लिए युवाओं को लाजिक देकर फंसाती थी कि गेमिंग कंपनी के माध्यम से पैसा आएगा और कमीशन मिलेगा। उन्हें बड़ी राशि के ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशाट भेजकर लुभाते थे। खाताधारकों से एक विशेष एपीके साफ्टवेयर डाउनलोड करवाया जाता है। खाता पूरी तरह से गिरोह संचालित करता था।

    एनडीए की तैयारी के दौरान दहरादून में मिले थे

    एसएसपी ने बताया कि यह चारों ठग देहरादून में एक साथ एनडीए की तैयारी कर रहे थे। वहीं पर एक-दूसरे से संपर्क हुआ था। शार्टकट से अमीर बनने की चाह सभी में थी। पकड़े गए आरोपितों में हिमांशु चौधरी के बंधन बैंक खाते की 32 शिकायत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हुई थी। इस खाते में 25 से 28 मई तक तीन दिनों 80 लाख रुपये की धनराशि डाली गई थी। यह शिकायतें पुलिस ने जैमिस पोर्टल पर पता करीं तो आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, व उत्तर प्रदेश की थीं। इस खाते को पुलिस ने सीज कर दिया था।

    उन्होंने बताया कि इनका एक साथी आलोक बढ़पुरा इटावा का रहने वाला है जो अभी फरार है, जिसकी कृष्णा इंटरप्राइजेज फर्म के नाम से तीन चालू खाता बंधन, महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक में साइबर ठगी के रुपयों के लेनदेन के लिए खुलवाए गए थे। जिसका कमीशन भी उन खातों में आया। उसकी तलाश की जा रही है, जल्द उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।

    उन्होंने पुलिस टीम को 15 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस मौके पर एएसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी, एएसपी क्राइम सुबोध गौतम, सीओ सिटी अभय राय मौजूद रहे। पुलिस ने धारा 316(2) यानी विश्वासघात करना, 318(4) यानी धोखाधड़ी व बेईमानी से संपत्ति का वितरण करना, 3(5) यानी संगठित होकर अपराध करना, 238 यानी अपराध के लिए साक्ष्य छिपाना व 66/66डी आइटी एक्ट यानी साइबर अपराध में मुकदमा दर्ज किया है।