नारी सशक्तीकरण से ही बदलेगी भारत की तकदीर और तस्वीर
जासं इटावा निर्भया कांड हाथरस कांड दिशा रवि प्रकरण में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने वा
जासं, इटावा : निर्भया कांड, हाथरस कांड, दिशा रवि प्रकरण में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने वाली सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने इटावा के बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक लोगों के बीच कहा कि नारी सशक्तिकरण के बिना भारत की तकदीर और तस्वीर नहीं संभल सकती। आज देश में महिला समाज के साथ जो अमानुषिक घटनाएं घटित हो रही हैं, उससे देश व दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है।
कन्हैया नगर में शेखर यादव के निवास पर परिचर्चा में कुशवाहा ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार व उत्पीड़न के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम किसी भी धर्म व वर्ग के हों, हमें नारी जाति का सम्मान करना चाहिए और उसकी इज्जत और आबरू की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युगों से महिलाओं की स्वतंत्रता, समानता अधिकार पर पुरुष प्रधान समाज सिर्फ मंचों से नारी सशक्तिकरण का ढिढोरा पीटता रहा है, कितु सच्चाई को वह स्वीकार करने में शर्म महसूस करता है।
अपने अनुभव साझा करते हुए सीमा समृद्धि कुशवाहा ने कहा कि बहुचर्चित निर्भया कांड, हाथरस कांड तथा दिशा रवि प्रकरण में शासन प्रशासन, जातीय सर्वोच्चता, न्यायिक संस्थाओं का व्यवहार संतोषजनक नहीं रहा। पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में इसलिए बहुत देरी हुई, कितु आखिर में सफलता मिली। आज भी मैं 100 से अधिक यौन उत्पीड़न और महिला शोषण के मुकदमों को पीड़ित पक्ष की तरफ से निश्शुल्क लड़ रही हूं।
उन्होंने बताया कि महिलाओं की उपेक्षित 49 फीसदी आबादी को सक्षम बनाने, जागरूक करने तथा उन्हें न्याय दिलाने के लिए उन्होंने समृद्धि भारत ट्रस्ट का गठन किया तथा निर्भया ज्योति ट्रस्ट की वैधानिक सलाहकार बनकर मुहिम शुरू की कर दी है। इसमें महिला व पुरुष दोनों पदाधिकारी होंगे, क्योंकि बिना महिलाओं को जागरुक किए सामाजिक न्याय व सामाजिक विकास संभव नहीं है। परिचर्चा में ़कौमी तह़फ़्फु•ा कमेटी के संयोजक ़खादिम अब्बास, अधिवक्ता नरेश प्रताप सिंह धनगर, डीआर दोहरे, मोहम्मद आमीन,डा. धर्मेंद्र कुमार, समीर दोहरे, राजीव, सतीश शाक्य, अंकुर यादव, देवेंद्र चौधरी, अशोक श्रीवास्तव आदि रहे।