इटावा में उप डाकघर में घोटाला, अभिकर्ता व कर्मचारियों की मिली भगत से 32 लाख 51 हजार का गबन
इटावा के उप डाकघर में डाक अभिकर्ता और कर्मचारियों की मिलीभगत से 32 लाख 51 हजार रुपये का गबन सामने आया है। अमिता वर्मा नामक महिला की शिकायत पर कार्रवाई न होने पर न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जाँच में 17 लाख 59 हजार रुपये का गबन पाया गया है और अन्य खातों की जाँच जारी है। डाक अधीक्षक ने धन वापसी का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, इटावा। शहर के उप डाकघर में डाक अभिकर्ता के साथ कर्मचारियों की मिली भगत होने को लेकर विभिन्न जमा योजनाओं के 32 लाख 51 हजार रुपये के गबन का मामला सामने आया है। यह गबन वर्ष 2020 से 2025 तक हुआ है।
मामले की शिकायत अमिता वर्मा निवासी पुरबिया टोला द्वारा किए जाने पर उनकी कोई सुनवाई न होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार ने कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
अमिता वर्मा के अधिवक्ता सत्यम कुमार मिश्रा ने बताया कि अमिता वर्मा व उनके पति हरीशंकर वर्मा का बचत खाता उप डाकघर शाखा सत्यवादी छैराहा में संचालित है। डाक अभिकर्ता राजाबेटी उनका कार्य देखती थीं। अमिता वर्मा ने 15 लाख 71 हजार रुपये व हरी शंकर वर्मा ने 16 लाख 80 हजार रुपये 18 अलग-अलग जमा योजनाओं में वर्ष 2018 से 2020 तक जमा कराया था।
इनका भुगतान वर्ष 2023 में होना था। जब वह पति के साथ वहां रुपया निकालने गईं तो राजाबेटी ने गोलमोल जवाब देकर उन्हें वापस कर दिया। 13 जून 2025 को जब वह पति के साथ उपडाकघर गईं और बचत खाते को देखा तो उनके खाते से राजाबेटी ने कर्मचारियों की मिली भगत से रुपये निकाल लिए थे।
इसकी जानकारी जब उन्होंने राजाबेटी से की तो उन्होंने बताया कि उन्हें रुपयों की आवश्यकता थी इसलिए निकाल लिए थे वे जल्द ही वापस कर देंगी। जमा योजनाओं की पासबुक उन्हीं के पास रहती थीं। जब उन्होंने भुगतान नहीं किया तो 30 जून 2025 को थाना कोतवाली पुलिस को शिकायती पत्र दिया।
10 अगस्त 2025 को डाक अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया जिस पर 22 अगस्त को डाक अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए। एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई एफआइआर दर्ज नही की गई। उसके बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली जिस पर न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
मामले में डाक अधीक्षक घनश्याम ने बताया कि उप डाकघर के सभी खातों की जांच की जा रही है। अमिता वर्मा के 12 खातों की जांच पूरी कर ली गई है और 17 लाख 59 हजार रुपये का गबन सामने आया है।
कुछ खातों की अभी जांच चार सदस्यीय टीम द्वारा की जा रही है। अमिता वर्मा का धन वापस कराया जाएगा, इनको इंतजार करना होगा। वर्ष 2020 से 2025 तक के सभी खातों की जांच की जा रही है। इसमें समय लग सकता है।

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