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    Etawah News: खाद न मिलने से परेशान किसान ने फंदा लगा किया आत्महत्या का प्रयास, यूं चला मानमनौव्वल

    खाद का संकट अब लोगों को परेशान करने लगा है। इटावा में खाद की वजह से चार दिन से चक्कर लगा रहे किसान ने तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया। किसान ने गमछे से फंदा लगाया। तभी ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों ने उसे समझाया और किसी तरह से उतारकर खाद दिलाई।

    By gaurav dudeja Edited By: Anurag Shukla1Updated: Mon, 25 Aug 2025 07:05 PM (IST)
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    खाद न मिलने से परेशान किसान विमलेश जानकारी देता। जागरण

    जागरण संवाददाता, इटावा। संवाद सूत्र, जागरण, ऊसराहार (इटावा)। खाद न मिलने से परेशान किसान ने सोमवार को सहकारी समिति के सामने खड़े पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। किसान चार दिन से खाद के लिए समिति के चक्कर काट रहा था। पुलिस के समझाने और खाद दिलाने के आश्वासन के बाद किसान पेड़ से उतरा। इसके बाद उसे खाद दिलाई गई।

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    इस समय किसानों को धान की फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता है। किसान एक-एक बोरी पाने के लिए चार-चार दिन से समितियों के चक्कर काट रहे हैं। ताखा क्षेत्र धान की फसल के लिए जाना जाता है। यहां किसान यूरिया के लिए एक माह से परेशान है। समय पर खाद न मिलने से उन्हें फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है। 

    सोमवार को ऊसराहार क्षेत्र के ताखा में सहकारी समिति पर किसानों को खाद वितरित की जा रही थी। लेकिन सहकारी संघ पर खाद वितरित नहीं की गई। ऐसे में सहकारी समिति पर किसानों की भीड़ ज्यादा हो गई। सुबह से ही किसानों को कतार में लगाकर खाद के लिए टोकन दिए जा रहे थे। इस बीच कतार में खड़े नगला बले निवासी किसान विमलेश कुमार अचानक सहकारी समिति के सामने खड़े पाकड़ के पेड पर चढ़ गया। उसने अपने अंगौछे को पेड़ में डालकर फंदा लगाने का प्रयास किया। 

    उसने बताया वह चार दिनों से खाद के लिए चक्कर काट रहा है जानबूझकर उसे खाद नहीं दी जा रही है, उसे कतार से बाहर निकाल दिया जाता है। इसलिए वह फंदा लगाकर अपनी जान दे देगा।  खाद वितरण में लगे सिपाहियों ने विमलेश को समझाया और खाद दिलाने का वादा किया। इसके बाद किसान नीचे उतरा। 

    सिपाहियों ने उसे समिति के अंदर ले जाकर खाद दिलाई तब जाकर मामला शांत हुआ। समिति के लेखा लिपिक सत्यम ने बताया कि किसान विमलेश पहले कभी खाद लेने नहीं आया। सोमवार को ही आया था। वह कतार तोड़कर आगे जा रहा था, जिसका किसानों ने विरोध किया था। तो वह गुस्से में आकर पेड़ पर चढ़ गया।