Etawah Flood Alert: इटावा के कई गांवों में बाढ़ का खतरा, चंबल, क्वारी और यमुना नदी उफान पर, कई रास्ते बंद
इटावा के तहसील चकरनगर में बाढ़ जैसे हालात को लेकर ग्रामीण अलर्ट पर हैं। तहसील से होकर बहने वाली चंबल क्वारी और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। कई रास्तों पर जलभराव हो जाने से आवागमन बंद हो गया है।

संवाद सहयोगी, जागरण, चकरनगर(इटावा)। तहसील चकरनगर से होकर बहने वाली चंबल, क्वारी और यमुना नदी उफनाने लगी हैं। चंबल नदी का जलस्तर मंगलवार की शाम तक 120.77 तक पहुंच गया। चंबल अब खतरे के निशान 120.80 से महज 03 सेमी ही दूर है। क्वारी नदी का जलस्तर 129.09 तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 125.96 से तीन मीटर ऊपर निकल गया। यमुना अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। नदियों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं।
मंगलवार को क्षेत्र के पांच गांव के रास्तों में पानी भरने से आवागमन बंद हो गया। तीन गांव के ग्रामीण तो गांव में ही कैद हो गए। एक मंदिर भी चारों तरफ से घिर गया। किसानों के खेतों में खड़ी अरहर व बाजरे की फसल भी जलमग्न हो गई। नदियों का जलस्तर एक दिन और बढ़ा, तो क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में होंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का जायजा लेते हुए गोष्ठी कर लोगों को जागरूक किया।
मंगलवार को क्षेत्र की चंबल, यमुना व क्वारी नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ जैसे हालात बन गए। क्वारी नदी का बढ़ता जलस्तर सहसों थाना के बिरौनाबाग, बछाई कोटरा व गुरभेली गांव के रास्तों में भरने से ग्रामीण गांव में ही कैद हो गए। जिनके पास निकलने के लिए अब कोई भी अन्य रास्ता नहीं है। ऐसे में कोई बीमार होता है, या किसी महिला को प्रसव पीड़ा होती है, तो उसकी जान भी जा सकती है।
इधर, चंबल ने सहसों गांव के पास स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर को चारों तरफ से घेर लिया है। जिसमें बाबा विशालदास, लंबू बाबा, संतोष दीक्षित, भूरे पंडित ददरा मंदिर पर ही पुजारी अवनीश तिवारी के द्वारा कैद बताए गए। इधर चंबल व यमुना नदी संगम के सामने भारेश्वर मंदिर के नीचे मुख्य सड़क पर भरने से चकरपुरा गांव का रास्ता बंद हो गया।
यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर निवी गांव से सिकरोड़ी सेतु को जाने वाले मुख्य मार्ग पर भर गया, जिससे ग्रामीणों का आवागमन बंद हो गया। यमुना की जलस्तर भी मंगलवार को बढ़कर 118.71 तक पहुंच गया। यमुना का खतरे का निशान 121.92 मीटर है। चकरपुरा व निवी गांव के ग्रामीणों के निकलने के लिए अभी वैकल्पिक व्यवस्था है, जो चक्कर काटकर तहसील मुख्यालय के लिए निकल सकते है।
खेतों में पानी भरने से फसलें जलमग्न
नदियों की भीषण बाढ़ से सहसों, पसिया, चंद्रहंसपुरा, नदा, चकरपुरा, अम्मदापुर, निवि, गढ़ाकास्दा, बिरौनाबाग, कोटरा, गुरभेली, सिंडौस, शेरगढ़, कचहरी सहित दो दर्जनों से अधिक गांव के सैकड़ों किसानों की भूमि में खड़ी बाजरा और अरहर की फसलें जलमग्न हो गई। जिससे किसानों को तो क्षति हुई ही साथ ही पशुओं का चारा भी नष्ट हो गया। चारों तरफ पानी भरने से मवेशी चराने के लिए किसान परेशान है।
एक दिन पानी और बढ़ा, तो ये गांव हो सकते है प्रभावित
हरौली बहादुरपुर, नीमाड़ाड़ा, धरमपुरा, भरेह, चकरपुरा, अम्दापुर, अचरौली, पुरागनेश, पुराखेरा, ख्यालीपुरा, नगरापुरा, पथर्रा, हरपुरा, अमिलिया, पहलन, निवी, गढ़ाकास्दा, पुरा मल्लाहन, महुआसूंड़ा, कांयछी, खिरीटी, रनिया, ककरैया, नौगावा, पालीघार, कंधेशीघार, नगला पिलुआ, ढकरा, डिभौली, शेरगढ़, कचहरी, पूठन व अड्डा, मचल की मढ़ैया, नीमरी, करियावली, लक्ष्मणपुरा, सलोखरा, कंधावली, भजनपुरा, कतरौली, रावनी, बिडौरी, तेलियन खोड़न, गुरभेली, बझाई कोटरा, बिरोनाबाग आदि गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते है। उपजिलाधिकारी ब्रह्मानंद सिंह कठेरिया ने बताया कि तीन गांव के निकलने के लिए तो कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, अन्य गांव वैकल्पिक व्यवस्था से निकल रहे हैं। अब पानी घटेगा तो सभी गांव का रास्ता खुल जाएगा।
यमुना का जल स्तर बढ़ने से कछार में चिंताएं बढ़ीं
महेवा : यमुना का जल स्तर बढ़ने से कछार क्षेत्र के किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। उनकी फसल डूबने की आशंका बनी हुई है। ब्लाक के गांव अंदावा, मड़ैया यादवान, दिलीपनगर, मड़ैया मल्लान, टकरूपुर, लखनपुर, चिंडौली, बिलहटी, पुरावली में यमुना का पानी बढ़ने पर फसलें डूबने की आशंका है। प्रशासन ने तहसील के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है, बाढ़ नियंत्रण चौकिया भी बनाई गई हैं।
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