ड्रोन से सर्वे जारी, 677 गांवों में बांटी जाएगी घरौनी
ड्रोन से सर्वे जारी 677 गांवाें में बांटी जाएगी घरौनी

ड्रोन से सर्वे जारी, 677 गांवों में बांटी जाएगी घरौनी
जागरण संवाददाता, इटावा : जनपद के 677 गांवों में घरौनी बांटी जाएगी, जिसमें 598 गांवों का ड्रोन सर्वे किया जा चुका है और 105 गांव में घरौनी बांटी जा चुकी है तथा 79 गांव में अभी सर्वे होना शेष बचा है।
जनपद में स्वामित्व योजन के अंतर्गत 6 तहसील इटावा, चकरनगर, जसवंतनगर, ताखा, भरथना व सैफई में कुल 795 गांव हैं जिनमें से 677 गांव स्वामित्व योजना के तहत चुने गए हैं। योजना के तहत चुने गए गांव में ग्रामीण परिवारों को आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) का वितरण शुरू हो गया है, जिसमें अभी तक 105 गांव में 11093 घरौनी वितरित की जा चुकी हैं। जहां पहले लेखपाल द्वारा फीता लेकर जमीन को नापा जाता था, वहीं अब सर्वे आफ इंडिया की टीम द्वारा ड्रोन के माध्यम से पारदर्शिता पूर्ण जमीन का चिह्नांकन किया जाता है। गांवों में सर्वे का काम इसी वर्ष 2022 तक खत्म हो जाएगा तथा अक्टूबर 2023 से पहले सभी चिह्नित गांव में पूर्ण रूप से घरौनी वितरित करने की बात कही जा रही है।
जानिये क्या है घरौनी
लोगों के पुस्तैनी मकान या उनके जमीन के ब्यौरे के प्रमाण पत्र को आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) कहा जाता है। सरकार ने घरौनी प्रमाण पत्र यानी ग्रामीणें को उनकी संपत्ति के मालिकाना हक के कागजात प्राप्त करवाने हेतु स्वामित्व योजना के तहत घरौनी योजना की शुरुआत की है। इस योजन के अंतर्गत ग्रामीणों को उनके घर के कागजात यानी घरौनी का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण आसानी से अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा आनलाइन देख सकेंगे।
यह होगा फायदा
स्वामित्व योजना का फायदा यह होगा कि गांवों में संपत्तियों पर कब्जे को लेकर होने वाले झगड़े-फसाद में कमी आएगी तथा गांव के लोग अपने मकान की घरौनी को बंधक रखकर बैंक से अपनी जरूरतों के लिए कर्ज भी ले सकेंगे। ड्रोन के आधार पर आबादी क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जाएगा और उसमें दर्शाए गए मकानों की नंबरिंग की जाएगी।
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