Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां 24 वर्ष से खड़े हैं खड़ेश्वरी बाबा, तप देख भक्त भी रह जाते हैरान

    गुरु के गोलोकधाम वासी होने के बाद नहीं तोड़ी प्रतिज्ञा।

    By AbhishekEdited By: Updated: Sun, 17 Mar 2019 12:59 PM (IST)
    यहां 24 वर्ष से खड़े हैं खड़ेश्वरी बाबा, तप देख भक्त भी रह जाते हैरान

    इटावा,[गौरव डुडेजा]। कन्नौज के गुरसहायगंज के गांव जलालपुर निवासी गुरु के आदेश के बाद से दो मार्च 1995 से खड़ेश्वरी बाबा 24 घंटे खड़े ही रहते हैं, वे अपनी दैनिक क्रियाएं खड़े-खड़े ही करते हैं। रात में वह एक पालने पर सिर टिकाकर सो जाते हैं। आश्रम में कई जनपदों से आने वाले भक्त उनका तप देख हैरान होते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पैदल ही कर चुके हैं चार धाम की यात्रा

    इटावा से सात किमी दूर पश्चिम में पंचवटी हनुमान आश्रम सराय एसर निवासी बृजबिहारी दास उर्फ खड़ेश्वरी बाबा रहते हैं। वर्ष 2003 में बाबा ने चार धाम की पैदल यात्रा की, जिसमें वे गंगोत्री, जमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम व द्वारिका गए। रामेश्वरम के सेतु बंध पर भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया। उसके बाद यमुना के बीहड़ में सारंगपुरा गांव के पास झारखंड वाली देवी के पास तीन साल रहे। वहां से उन्हें देवी का संदेश मिलने पर वह वर्ष 2013 में वैष्णोदेवी, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट व बटेश्वरी की यात्रा करके वर्ष 2015 में वापस आश्रम आए। बाबा फलाहार ही करते हैं। दो शिष्य भगवानदास व देवीदास साये की तरह उनके साथ रहते हैं।

    ये था प्रण, गुरु का मिला आदेश

    ईश्वर की शरण पाने के लिए गुरु का आदेश आत्मसात कर खड़ेश्वरी बाबा ने खड़े रहने का प्रण ले लिया था। उनको गुरु भीखमदास महाराज ने तीन वर्ष तक खड़े हो तपस्या का आदेश दिया था। तपस्या शुरू करने के दो साल बाद ही गुरु गोलोकधामवासी हो गए। तबसे 24 साल बीत गए लेकिन बाबा निरंतर खड़े हैं और प्रतिज्ञा नहीं तोड़ी। उनका कहना है कि जब तक गुरु के समकक्ष किसी धर्मगुरु का आदेश नहीं होगा तब तक तपस्या नहीं छोड़ेंगे।

    अपहरण के बाद छूटे तो जिंदगी प्रभु के नाम

    किशोरावस्था में ही करीब 35 साल पहले खड़ेश्वरी बाबा का बदमाशों ने गांव से ही अपहरण कर लिया था और 14 दिन तक अपने साथ रखने के बाद उन्हें गांव में छोड़ गए थे। खड़ेश्वरी बाबा इसे भगवान का आशीर्वाद मानते हैं। तबसे उन्होंने जीवन भगवान को समर्पित कर दिया और भक्ति में लीन हो गए।

    धर्मगुरुओं की उपस्थिति में तोड़ेंगे प्रतिज्ञा

    खड़ेश्वरी बाबा कहते हैं कि उनकी प्रतिज्ञा गुरु का आदेश था। अब प्रतिज्ञा को देश के बड़े संतों के आदेश के बाद ही तोड़ेंगे। इसके लिए उनके भक्तों ने 6 से 22 अप्रैल तक ग्राम सराय एसर में ही 108 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ व श्रीराम कथा के साथ संत सम्मेलन का आयोजन किया है। इसमें रामकथा के सरस प्रवक्ता विष्णु चैतन्य महाराज ग्वालियर व जगतगुरु स्वामी श्रीराम भद्राचार्य महाराज चित्रकूट धाम सहित देश के कई बड़े संतों को आमंत्रित किया गया है।