हारिये न हिम्मत, बिसारिये न राम
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जसवंतनगर, अप्र : आत्मबल से बड़ा दुनिया में कोई हथियार नहीं, जो मनुष्य भौतिक शास्त्रों पर विश्वास जमाता है और अपने और शरीर में बैठी आत्मा की ताकत को नहीं पहचानता, उसे जीवन भर पछतावा और पराजय झेलना पड़ता है।
नृसिंह मंदिर कटरा पुख्ता में श्रीमद्भागवत सप्ताह में प्रवचन करते भागवताचार्य सुखदेव शास्त्री ने कहा कि कभी हारिये न हिम्मत, बिसारिये न राम को यदि जीवन सूत्र मानकर हम सब जीवन जियें, तो कष्टों में भी हमें अलौकिक चेतना और विजय हासिल होगी।
भागवत कथा में गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन और राम जन्म और चरित्र कथाओं का वर्णन करते वह बोले कि भगवान राम जब स्वयंवर में शिवधनु तोड़ने पहुंचे थे तब लक्ष्मण ने उनके आत्मबल को ब्रह्मांड तक को उठाने की शक्ति वाला बताकर उन्हें धनुष भंग करने की प्रेरणा दी थी।
भागवताचार्य ने कहा कि हर व्यक्ति के अंदर अंर्तशक्ति के रूप में आत्मबल कूट-कूट कर भरा होता है तथा अंर्तशक्ति ही आपातकालीन शक्ति होती है जो हमें दुर्घटनाओं से बचाती है। मानव जीवन इस संसार में भौतिक सुखों के लिए नर्तकी जैसा रहता है, जबकि यदि भगवत सुख के लिए हम जिएं तो हमारा जीवन संगीतमय कीर्तन जैसा सुखी बन जाता है।
भागवत कथा में रात में भजन संध्या का कार्यक्रम यजमान जितेंद्र नाथ गुप्ता, रमाकांत गुप्त, लक्ष्मी नारायण, अशोक कुमार गुप्ता के द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
श्रीमद् भागवत रामनाथ गुप्ता की स्वर्गीय पत्नी ईश्वरी देवी की याद में चल रही है। अतुल गुप्ता, अवनीश, प्रशांत, निशांत, आकाश गुप्ता आदि द्वारा प्रवचनों में जुट रही भारी भीड़ की व्यवस्था की जा रही है। जितेंद्र गुप्ता, किशोर गुप्ता आदि का संयोजन है। भागवत कथा 6 नवंबर को संपन्न होगी तथा 7 नवंबर को भंडारा प्रसाद वितरण होगा।
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