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    हर रूट का वाट्सएप ग्रुप, पल-पल देते उड़नदस्ते की लोकेशन

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:10 AM (IST)

    राजस्व चोरी के लिए हथियार बना ली तकनीक हर डिपो के 11 कर्मी को एडमिन भी बनाया

    हर रूट का वाट्सएप ग्रुप, पल-पल देते उड़नदस्ते की लोकेशन

    एटा: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में राजस्व चोरी के लिए हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। रोडवेज बसों में टिकट की चेकिंग कर रहे उड़नदस्ते की सटीक लोकेशन के लिए परिचालकों ने अलग-अलग रूट के वाट्सएप ग्रुप बना रखे हैं। इसका पर्दाफाश पिछले दिनों चेकिंग टीम ने भी किया है।

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    बढ़ते राजस्व घाटे के बीच कहने को विभाग में उड़नदस्तों और अधिकारियों की छापामार कार्रवाई होती है, लेकिन दोषी परिचालक कम संख्या में ही हाथ लग पाते। दरअसल, परिचालकों द्वारा वाट्सएप ग्रुप बनाकर अलग-अलग रूटों पर चेकिग दलों की जानकारी का आदान-प्रदान पल-पल किया जाता है। एटा, आगरा, फर्रुखाबाद, कासगंज, बरेली, शिकोहाबाद, दिल्ली सहित अन्य रूटों पर अलग-अलग नाम से गु्रप बनाए गए हैं। ग्रुप पर टीम की जानकारी पहले ही सभी परिचालकों को हो जाती है। फिर सभी ईमानदार नजर आते हैं। इस स्थिति की जानकारी विभागीय जिम्मेदारों को भी है, लेकिन उन्होंने कभी इस पर अंकुश लगाने का प्रयास नहीं किया। हाल ही में एटा-आगरा मार्ग पर ग्रुप का पर्दाफाश हुआ है तो पूरे महकमे में खलबली मची है। खास बात तो यह है ग्रुप संचालन में भी विभाग की ही जिम्मेदारों की शह रही। विभिन्न मार्गों पर जो ग्रुप संचालित हैं उनमें हर डिपो के 11 कर्मी को एडमिन भी बनाया गया है ताकि उस डिपो के अन्य परिचालकों को भी जोड़ा जा सके। एआरएम राजेश यादव ने कहा है कि परिचालकों के वाट्सएप गु्रप पर अंकुश लगाने के लिए जल्दी ही सख्त कदम उठाए जाएंगे। धार्मिक नामों से हैं ग्रुप:

    परिचालकों ने जो वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं उनके नाम धार्मिक है। ग्रुप के नाम देखकर नहीं कहा जा सकता कि इसका प्रयोग टिकट चेकिंग टीम की लोकेशन देने में किया जाता है। संचालित ग्रुपों में जयश्री कृष्णा, राधे-राधे ग्रुप, जय बजरंगबली ग्रुप जैसे नाम प्रमुख हैं।

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