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    बदलता मौसम बन रहा खतरनाक: यूपी के इस जिले में हार्ट अटैक से दो की मौत, मेडिकल कॉलेज में 2500 मरीज पहुंचे

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 11:41 AM (IST)

    एटा में बदलते मौसम के कारण हार्ट अटैक और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। शुक्रवार को दो लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज में 2500 से अधिक मरीजों ने इलाज कराया। डॉक्टरों ने हृदय रोगियों और सांस के मरीजों को ठंड से बचने की सलाह दी है। बच्चों में सांस लेने की तकलीफ के मामले भी बढ़ रहे हैं।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, एटा। बदलता मौसम अब लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालने लगा है। तापमान में लगातार गिरावट और सुबह-शाम बढ़ती ठंड के बीच हार्ट अटैक और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शुक्रवार को जिले में दो लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई, जबकि मेडिकल कालेज में सुबह से ही मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अस्पताल की ओपीडी में दोपहर तक चहल-पहल बनी रही और 2500 से अधिक मरीजों ने पहुंचकर इलाज कराया।

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    जैथरा व बागवाला क्षेत्र के दो व्यक्तियों की गई है जान

     

    जैथरा क्षेत्र के गांव नखतपुर निवासी कलयाण सिंह 59 वर्ष की शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे हार्टअटैक से मौत हुई है। स्वजन ने बताया कि सीने में तेज दर्द होने पर पहले निजी चिकित्सक के पास ले गए, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ तब मेडिकल कालेज लेकर आए। यहां चिकित्सकों ने जांच करने के बाद मृत घोषित कर दिया। वहीं बागवाला क्षेत्र के गांव बरथरी निगोह निवासी रनवीर सिंह 52 वर्ष की भी हार्टअटैक से जान चली गई है।

    मृतक के पुत्र सनी ने बताया कि गुरुवार की देर शाम घबराहट हुई थी और सीने में तेज दर्द होने पर मेडिकल कॉलेज लेकर आए लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही मौत हो गई। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में अचानक आए बदलाव का असर हृदय और श्वसन संबंधी मरीजों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। जिन लोगों को पहले से हृदय रोग, शुगर या हाई बीपी की समस्या है, उन्हें इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

     

    मेडिकल कॉलेज में 2500 मरीजों ने पहुंचकर कराया इलाज

     

    वहीं मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को सबसे अधिक भीड़ मेडिसिन और चेस्ट विभाग में देखने को मिली। 600 से अधिक मरीज सांस, खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या लेकर पहुंचे, जबकि बच्चों के वार्ड में भी भीड़ देखी गई। ठंड बढ़ने के साथ ही बच्चों में सांस लेने की तकलीफ और ब्रोंकाइटिस के मामले बढ़ने लगे हैं।

    टीबीसीडी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस मौसम में हृदय रोगियों को सुबह-शाम ठंडी हवा से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेज ठंड और प्रदूषण का असर दिल की धमनियों को सिकोड़ देता है, जिससे अचानक ब्लाकेज या हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, श्वसन रोगियों को मास्क पहनने, गर्म कपड़े उपयोग करने और ठंडी चीजों से परहेज करने की सलाह दी गई है।