Etah News: रिजोर में निकली प्रतिमा, महावीर स्वामी और बुद्ध की होने के दावे; पुरातत्व विभाग की टीम करेगी जांच
इंटरनेट मीडिया पर प्रतिमा के फोटो प्रसारित होने लगे, तब जैन समाज के लोगों को पता चला। उन्होंने जब प्रतिमा देखी तो उनका कहना था कि यह मूर्ति भगवान महावीर स्वामी की है।यह खबर जिलेभर में फैल गई और तमाम जैन अनुयायी अपने वाहनों से रिजोर पहुंचने लगे। जब मूर्ति को देखा तो उन्होंने पुरजोर दावा किया कि प्रतिमा भगवान महावीर स्वामी की ही है।
रिजोर में निकली प्रतिमा, महावीर स्वामी और बुद्ध की होने के दावे
जागरण संवाददाता, एटा। रिजोर स्थित प्राचीन टीले की खोदाई के दौरान एक प्रतिमा निकली, जिसको लेकर महावीर स्वामी और बुद्ध की होने के दावे किए जा रहे हैं। पुरातत्व विभाग की टीम यहां पहुंचेगी और वह तय करेगी कि प्रतिमा किसकी है। प्रतिमा कहीं से भी क्षतिग्रस्त नहीं है। जिलेभर से तमाम जैन अनुयायी भी रिजोर में डेरा डाले हैं।
ग्राम पंचायत रिजोर में एक प्राचीन टीला है, जिस पर आरआर सेंटर बनाने के लिए शुक्रवार को खोदाई की जा रही थी, तभी वहां सही सलामत स्थिति में एक प्रतिमा निकली, जिसको लेकर भगवान बुद्ध के अनुयायी वहां एकत्रित हो गए और उन्होंने दावा किया कि यह प्रतिमा भगवान बुद्ध की है। इंटरनेट मीडिया पर प्रतिमा के फोटो प्रसारित होने लगे, तब जैन समाज के लोगों को पता चला। उन्होंने जब प्रतिमा देखी तो उनका कहना था कि यह मूर्ति भगवान महावीर स्वामी की है।यह खबर जिलेभर में फैल गई और तमाम जैन अनुयायी अपने वाहनों से रिजोर पहुंचने लगे। जब मूर्ति को देखा तो उन्होंने पुरजोर दावा किया कि प्रतिमा भगवान महावीर स्वामी की ही है।
टीला पर पहुंची भारी भीड़
कुछ लोगों ने कहा कि जहां यह प्रतिमा निकली है वहां से चंद किलोमीटर दूर फफोतू भी है, जिसे जैन अनुयायी अपना तीर्थ स्थल मानते हैं। जब टीला पर भीड़ एकत्रित हो गई तो रिजोर पुलिस भी वहां पहुंच गई और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से बात की। पुलिस ने बताया कि पुरातत्व टीम पहुंचने के बाद ही यह निर्धारित हो सकेगा कि प्रतिमा भगवान महावीर स्वामी है या भगवान बुद्ध की। फिलहाल दोनों ही समाज के लोग अपने-अपने दावे कर रहे हैं।इधर पुलिस ने किसी भी तरह के बवाल की आशंका से अपना बचाव करते हुए मूर्ति को ग्राम प्रधान भूदेव सिंह के सुपुर्द कर दिया।
फिलहाल यह प्रतिमा कमरे में बंद कर दी गई है और ताला लगाकर चाबी पुलिस अपने साथ ले गई। दूसरी तरफ गांव के पूर्व प्रधान जोगराज सिंह ने बताया कि प्रतिमा महावीर स्वामी की प्रतीत होती है, हालांकि दावे दोनों तरफ से किए जा रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप जैन ने बताया कि प्रतिमा महावीर स्वामी की मालूम पड़ती है। पुरातत्व विभाग की टीम आकर जांच करेगी।
टीले का है प्राचीन इतिहास
पूर्व प्रधान ने बताया कि जहां प्रतिमा निकली है वह टीला राजा महाराजाओं के जमाने का है। यहां अंतिम शासक राजा सांवल सिंह और खुशाल सिंह थे। यहां पर एक किला था जो कालांतर में ध्वस्त हो गया और टीला बन गया। यहां कभी उत्खनन नहीं हुआ, अगर उत्खनन किया जाए तो प्राचीन कालीन संपदा यहां मिल सकती है। उन्होंने कहा कि रिजोर आस्था का पौराणिक केंद्र भी रहा है। यहां की कहानियां विभिन्न युगों से जुड़ीं हुईं हैं। ऐसी क्षेत्र में मान्यता है।
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