Shri Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर के लिए जलेसर से 24 सौ किलो का घंटा रवाना, रथ की आरती उतारकर पुष्प वर्षा कर रहे लोग
राममंदिर में लगने वाला 2400 किलो वजन का घंटा अष्टधातु से निर्मित है। रविवार को इसका पूजन किया गया। सोमवार को इसे रवाना किया गया है। सावित्री ट्रेडर्स के मालिक आदित्य मित्तल और प्रशांत मित्तल द्वारा बनवाए गए घंटे की लागत 25 लाख रुपये आई है। नौ जनवरी को दोपहर दो बजे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपतराय को यह घंटा सौंपा जाएगा।
जागरण संवाददाता, एटा। राम मंदिर के लिए जलेसर से 2400 किलो का घंटा विधि विधान से पूजन के बाद रवाना किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, जिले के प्रभारी मंत्री केपी मलिक व स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
घंटा एक रथ में रखा गया है और शोभा यात्रा निकाली जा रही है। रथ के साथ 50 गाड़ियों का काफिला चल रहा है। विशाल घंटे के साथ दो दर्जन छोटे घंटे भी रथ में रखे गए हैं। जगह-जगह पुष्प वर्षा हो रही है। आरती उतारी जा रही है। घंटे के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
ये है घंटे में है खास
- घंटा अष्टधातु का है
- पीतल, कांस्य, तांबा, एल्मूनियम, लोहा, स्वर्ण, चांदी और जस्ता शामिल हैं
- एक निश्चित मात्रा में इन अष्टधातुओं का उपयोग किया गया है
- 2400 किलो का घंटा बनने में 21 दिन लगे
- पीतल पिघलाकर सांचे में डालने का काम एक दिन में हुआ
- 20 दिन अंतिम स्पर्श देने में लग गए
- 70 श्रमिक लगे घंटा निर्माण में
नौ जनवरी को सौंपा जाएगा घंटा
अवागढ़, निधौली कला होते हुए यह घंटा जिला मुख्यालय पहुंचेगा। इसके बाद जैथरा, अलीगंज, कायमगंज होते हुए फर्रुखाबाद में प्रवेश करेगा। वहां से लखनऊ एक्सप्रेसवे के रास्ते रात नौ बजे लखनऊ पहुंचेगा। जहां घंटे के साथ जा रहा काफिला रात को ब्रज धाम में विश्राम करेगा। नौ जनवरी को दोपहर दो बजे घंटा अयोध्या पहुंचेगा जहां राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को सौपा जाएगा।
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