सच्ची श्रद्धा भक्ति ही सुख का मूल आधार
बड़े जैन मंदिर में चल रहा कल्याण मंदिर स्त्रोत विधान आयोजित हुआ अभिषेक व शांति धारा विधान

जासं, एटा: शहर के पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर में चल रहे कल्याण मंदिर स्त्रोत विधान में शनिवार को अभिषेक शांतिधारा विधान आयोजित किया गया। गणाचार्य विराग सागर ने सच्ची श्रद्धा और भक्ति को ही सुख का मूल आधार बताया।
श्रावक श्राविकाओं को प्रवचन देते हुए गणाचार्य ने कहा कि इस धरा पर दुख ही दुख है। अगर सुख होता तो तीर्थकर इस भौतिकता का त्याग नहीं करते है। सांसारिक रूप से प्रत्येक मनुष्य काम क्रोध मद लोभ और दंभ के बीच फंसकर खुद को सुखी मानने का प्रयास करता है, लेकिन सुख तो सच्ची श्रद्धा और भक्ति से प्राप्त होता है। उन्होंने का कि जो भी व्यक्ति अपने तीर्थकर, ईश्वर, गुरु आदि के प्रति सच्ची श्रद्धा और भक्ति का भाव रखता है, तो उस पर उनकी कृपा अवश्य होती है। मंदिर में मध्यान्ह में आयोजित हुए अभिषेक और शांतिधारा विधान में श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति भाव से प्रतिभाग करते हुए अपने आराध्यों का अभिषेक किया। अध्यक्ष सुरेश चंद्र जैन, महामंत्री आनंद जैन, आलोक जैन, संजय जैन, डा. शैलेंद्र जैन, अनीता जैन, सीमा जैन, विश्वलता जैन, बौबी जैन, दीपक जैन, सुधीर कुमार जैन, प्रदीप कुमार जैन, पूते जैन, कुनाल जैन, आरती जैन, मौनी जैन, दीपिका जैन, सिद्धी जैन आदि मौजूद रहे।
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