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पाकिस्तानी महिला यूपी के एटा जिले में बन गई ग्राम प्रधान, गिरफ्तारी के बाद अदालत ने भेजा जेल

एटा जिले की कार्यवाहक प्रधान बनने वाली पाकिस्तानी महिला बानो बेगम करीब 35 वर्ष पहले माता-पिता के साथ टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से आई थी। यहां अजमत अली से निकाह कर लिया। तब से बानो बेगम को हर तीन साल में वीजा का एक्सटेंशन मिलता रहा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 03:06 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 03:21 PM (IST)
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक पाकिस्तानी महिला धोखे से कार्यवाहक ग्राम प्रधान बन गई।

एटा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पाकिस्तानी महिला धोखे से कार्यवाहक ग्राम प्रधान बन गई। घटना के राजफाश के बाद पंचायती राज अधिकारी के निर्देश पर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई, जिसके बाद वह फरार हो गई। तलाश के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया। महिला की तरफ से कोई जमानत अर्जी प्रस्तुत नहीं की गई। पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी करने में उसकी मदद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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एटा जिले के जलेसर के ग्राम गुदाऊ की कार्यवाहक प्रधान बनने वाली पाकिस्तानी महिला बानो बेगम करीब 35 वर्ष पहले माता-पिता के साथ टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से गुदाऊ गांव आई थी। यहां अजमत अली से निकाह कर लिया। तब से बानो बेगम को हर तीन साल में वीजा का एक्सटेंशन मिलता रहा है। पिछले ग्राम पंचायत चुनाव में वह सदस्य निर्वाचित हुई थी। प्रधान के निधन के बाद अक्टूबर, 2020 में उसको ग्राम पंचायत समिति का अध्यक्ष मनोनीत करने के साथ ही कार्यवाहक प्रधान बना दिया गया।

धोखाधड़ी और विदेशी अधिनियम के तहत रिपोर्ट : 20 दिसंबर, 2020 को शिकायत होने पर बानो बेगम ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके खिलाफ ग्राम पंचायत सचिव ध्यानपाल सिंह ने एक जनवरी को धोखाधड़ी और विदेशी अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके बाद से वह फरार चल रही थी। पुलिस ने उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। महिला जब पहली बार ग्राम पंचायत समिति की सदस्य बनी तो उस समय उसका आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड भी बना हुआ था। इंस्पेक्टर जलेसर के पी सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश पर बानो बेगम को जेल भेज दिया गया।

नियमों की अनदेखी की गई : पाकिस्तानी महिला बानो बेगम 35 साल से वीजा एक्सटेंशन पर यहां रह रही थी। नियमानुसार वीजा धारक विदेशी भारत में कोई चुनाव नहीं लड़ सकता, लेकिन नियमों की अनदेखी की गई और महिला के आधार कार्ड, वोट कार्ड, राशन कार्ड तक बन गए। बानो बेगम के कार्यवाहक प्रधान बनने के बाद गांव के लोगों ने आपत्ति जताई और शिकायत की, जिस पर मामले की जांच हुई तो नियमों की अनदेखी की बात सामने आई। इस पर तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव ध्यान सिंह ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कराई थी।

उसके घर से ही पुलिस ने किया गिरफ्तार : पाकिस्तानी महिला बानो बेगम को पुलिस ने उसके घर से ही गिरफ्तार किया। वह अपने परिवार से मिलने आई थी, तभी पुलिस को भनक लग गई और उसे पकड़ लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ के बाद शनिवार को कोर्ट में पेश किया। महिला पर आरोप है कि उसने सरकारी मशीनरी को भी गुमराह करके यहां के निवासी होने के अभिलेख हासिल कर लिए थे, जिसके आधार पर ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट में उसका नाम शामिल हो गया था, लेकिन जब मामले की शिकायत हुई तो जिलाधिकारी सुखलाल भारती के निर्देश पर वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया। हालांकि उसकी गांव गुदाऊ के रहने वाले अजमत अली के साथ शादी हो चुकी है। दो माह से पुलिस महिला की तलाश में जुटी थी, उसके पति की रिश्तेदारियों में भी दविश दी गई, लेकिन कोई पता नहीं चल रहा था।


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