ज्ञान की ओर बढ़ें, दुनिया में मानवता का दीप जलाएं: भोले बाबा
मानव मंगल मिलन समागम में हुआ सत्संग समारोह भीषण गर्मी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

संसू, अवागढ़ (एटा): कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में मानव मंगल मिलन समारोह के मध्य मंगलवार को भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ का अतिरेक देखते ही बना। भोले बाबा ने अपने प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए कहा कि आत्मज्ञान से बड़ा कोई ज्ञान नहीं, जिसे आत्मा का बोध हो गया, वह साकार विश्व हरि से मिल सकता है। लोग अज्ञानता के अंधेरे में न भटकें और ज्ञान की ओर बढ़ें, दुनिया में मानवता का दीप जलाएं। दूसरों की सेवा करें।
विशेष सत्संग दिवस को भोले बाबा ने कहा कि मोह, लोभ और अहंकार के वशीभूत होकर मानव यह भूल गया कि परमात्मा ने उसे धरती पर मनुष्य रूप में जन्म किसलिए दिया है। बुराइयों के चंगुल में फंसकर मानव सांसारिक वातावरण में खो रहा है। इसी कारण ईश्वर के प्रति उसका लगाव घट रहा है। उन्होंने कहा कि जिस दिन मानव को आत्मज्ञान हो जाएगा, उस दिन उसकी आत्मा का मिलन साकार विश्व हरि से होने में देर नहीं लगेगी। जिस तरह से हमें जन्म देने वाले माता-पिता की कोई जाति नहीं होती इसी तरह से आत्मा भी जातिविहीन है। सब एक समान हैं और हम सब ईश्वर की संतान हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं। कुछ धर्म की राह पर चलते हैं तो कुछ अधर्म की राह पर, लेकिन धर्म की राह पर चलने वाले हमेशा चैन में रहते हैं। अधर्म विनाश का सबसे बड़ा कारण है, जो सुख-शांति छीन लेता है। हमें परमात्मा को कभी नहीं भूलना चाहिए। साकार विश्व हरि सच्चे मन से मानने वालों का कल्याण करते हैं। वे परम कल्याणकारी हैं। दुनिया में जीवन तो सभी जीते हैं, लेकिन अच्छा काम करने वाले हमेशा याद किए जाते हैं, इसलिए बुराइयां त्यागें और अच्छाई की ओर मुड़ें। अच्छाई ही मनुष्य को परमात्मा से मिलाती है। खुद को जान लो। यदि स्वयं को जान लिया तो भगवान को जानने की आवश्यकता नहीं होगी।
समागम के मुख्य आयोजक राजा अंबरीश पाल सिंह, कमेटी के जिलाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह यादव व नगर अध्यक्ष तहसीलदार सिंह, सतीश कुमार प्रभाकर एड. सचिव, दुर्ग पाल सिंह यादव, राजकुमार, लक्ष्मण सिंह, रामवीर सिंह, रमेश बाबू भारती, जगदीश चंद्र, शिव प्रताप सिंह तोमर, जवाहरलाल के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही। 2000 सेवादारों ने संभाली व्यवस्थाएं
-आयोजन के दौरान दूरदराज के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मध्य भोले बाबा के 2000 सेवादारों ने व्यवस्थाएं खुद संभाली। सेवादारों द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था, यातायात नियंत्रण के साथ ही उन्हें कार्यक्रम स्थल तक आसानी से पहुंचाने के लिए भी बेहतर तालमेल स्थापित किया।
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