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    Sikkim Road Accident: 16 दिन पहले छुट्टी बिताकर गए थे, अब तिरंगा में लिपटकर लौट रहे लांस नायक भूपेंद्र सिंह

    By Anil Kumar GuptaEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sat, 24 Dec 2022 02:54 PM (IST)

    Sikkim Road Accident बेटा देश के लिए बलिदान हो गया। स्वजन सहित पूरा गांव पार्थिव देह का इंतजार कर रहा है। शादी को महज तीन साल हुए थे। मासूम बेटी गमगीन माहौल में सभी को देखकर बार-बार रो देती है।

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    Sikkim Road Accident: एटा के भूपेंद्र सिंह सिक्किम सड़क हादसे में बलिदान हो गए।

    एटा, जागरण टीम। सब बदहवास, पत्नी बेसुध, लोगों की भीड़ के बीच सुबकते भाई, आंगन में महिलाओं की भीड़ तो बाहर सैकड़ों लोगों का हुजूम। यह नजारा सिक्किम सडक़ दुर्घटना में बलिदान हुए सेना के लांस नायक भूपेंद्र के गांव ताजपुर अद्दा स्थित घर का है। जहां मात्र 16 दिन पहले छुट्टी बिताकर गए एटा के लाल के पार्थिव शरीर का इंतजार हो रहा है। परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूटा है।

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    खाई में गिरे ट्रक में सवार थे भूपेंद्र सिंह

    सिक्किम की चटन घाटी से थंगू इंडो-चाइना बार्डर स्थित चौकी पर जाते वक्त शुक्रवार को सेना का ट्रक खाई में गिर गया था। इस ट्रक में एटा के जवान भूपेंद्र सिंह बलिदान हुए। रात नौ बजे सेना की तरफ से बलिदान की सूचना परिवार को दी गई तो कोहराम मच गया। भूपेंद्र 8 दिसंबर को छुट्टी बिताकर यहां से गए थे। उनकी ड्यूटी इंडो चाइना बॉर्डर की चौकी पर थी, इसी चौकी के लिए फोर्स रवाना किया गया था, मगर हादसा हो गया और 16 जवानों की जान चली गई। इनमें भूपेंद्र भी शामिल हैं।

    घर लाया जा रहा पार्थिव शरीर

    उनका पार्थिव शरीर एटा लाया जा रहा है। पार्थिव शरीर पहले दिल्ली और फिर लखनऊ उसके बाद यहां पहुंचेगा। शनिवार देर रात तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। गांव ताजपुर में बलिदानी के घर लोगों की भीड़ जुटी है। सैनिक के बलिदान पर पूरा गांव गमगीन है।

    तीन साल की बेटी है

    भूपेंद्र की शादी 22 अप्रैल 2017 को सारिका से हुई थी। उन्होंने अपने पीछे पत्नी, 3 साल की बेटी परी छोटे भाई राजन पिता सुरेंद्र सिंह और मां को छोड़ा है। भूपेंद्र के पिता और बाबा भी सेना से ही सेवानिवृत्त हुए हैं। इस दुर्घटना की खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई और सुबह से ही ताजपुर पहुंचने वाले लोगों का तांता लग गया। पत्नी सारिका होश खो बैठी है। महिलाएं सांत्वना दे रही है मगर वह बदहवास है। गोद में बैठी नन्ही परी को तो कुछ भी नहीं मालूम पिता के साथ क्या हुआ है।

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    देश की रक्षा में गई भाई की जान

    वहीं, छोटे भाई राजन भी सेना में जाने की तैयारी कर रहे है। उन्होंने कहा- उनके भाई ने देश की रक्षा के लिए जान दी है, हमें उन पर गर्व है। मगर अब भाई कहां से आएगा। उधर घर के पास ही एक खेत में भूपेंद्र का राजकीय सम्मान के साथ संस्कार किया जाएगा, जहां तैयारियां चल रही हैं। गांव में अधिकारी भी पहुंच रहे हैं और अपनी देखरेख में तैयारियां करा रहे हैं। एसडीएम अलीगंज मानवेंद्र सिंह ने बताया समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। हम सेना के अधिकारियों के संपर्क में हैं।