जीएसटी छापे से पीतल कारोबारियों में मची खलबली, जलेसर में सामने आया फर्जी बिलिंग का मामला
जलेसर में जीएसटी टीम ने पीतल व्यवसायियों पर छापेमारी की जिसमें फर्जी बिलिंग का मामला सामने आया। छह व्यवसायियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अनुमान है कि 60-70 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई है। छापेमारी से व्यवसायियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। जांच अभी जारी है और अधिकारियों ने मामले को गोपनीय रखा है।
जागरण संवाददाता, एटा। छोटे पीतल व्यवसायियों के यहां जीएसटी की टीमों ने बुधवार को छापे मारे। इस दौरान फर्जी बिलिंग को लेकर छह व्यवसायियों को पूछताछ के लिए टीमों ने बैठा लिया, जिनसे देर शाम तक पूछताछ की जाती रही। हालांकि टीमों ने फिलहाल कुछ भी पर्दाफाश नहीं किया है। यह भी बताया गया है कि जिन लाेगों से पूछताछ हो रही है उन्होंने फर्जी फर्म बनाकर बिलिंग कर दी और आईटीसी रिटर्न भी हासिल कर लिया।
बुधवार सुबह छह बजे अचानक लगभग डेढ़ दर्जन गाड़ियाें का काफिला लोगों ने कस्बे में घुसता देखा तो पहले तो लोग कुछ समझ नहीं सके। अचानक यह गाड़ियां पीतल व्यवसायियों के गोदामों, घरों पर जाकर अलग-अलग रुकीं। तब लोग समझ पाए कि जीएसटी टीमें कस्बा में आईं हैं।
इस दौरान आधा दर्जन व्यवसायियों को टीमों ने उठा लिया और उनसे पूछताछ शुरू कर दी। जिनसे पूछताछ की जा रही है उनमें सोनू कुशवाह, अन्नू वार्ष्णेय, विकास बघेल सहित आधा दर्जन व्यवसायी शामिल हैं। यह सभी व्यवसायी पीतल की चैन बनाने का काम करते हैं। उन्होंने भट्टियां बना रखी हैं और उनके छोटे-छोटे गाेदाम भी हैं। कुछ व्यवसायियों ने अपने घरों पर ही माल का स्टाक कर रखा है।
जीएसटी की टीमें जब व्यवसायियों के ठिकानों पर पहुंची तो उन्होंने वहां मौजूद माल की जांच पड़ताल की, स्टाक रजिस्टर खंगाले और अन्य अभिलेख देखे। बताया गया है कि अभिलेखों में कुछ गड़बड़ी मिलीं हैं। जिन इलाकों में कार्रवाई की गई उनमें जवाहरगंज, महावीरगंज, अकबरपुर हवेली, सराय खानम आदि मुहल्ले शामिल हैं।
बताया गया है कि 20 दिन पूर्व भी जीएसटी विभाग के द्वारा आधा दर्जन स्थानों पर छापे मारे गए थे, लेकिन उस समय कोई भी व्यवसायी मौके पर नहीं मिला। इस कारण यह टीमें वापस लौट गईं। इस बार बताया गया है कि अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर आदि स्थानों से टीमें पहुंची, 70 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों का स्टाफ मौजूद था। लखनऊ, कानपुर, आगरा मंडल के विभिन्न जिलों के जीएसटी अधिकारी भी जलेसर में देखे गए।
अधिकारियों से जब जानकारी की गई तो उनका कहना था कि जीएसटी चोरी का मामला है और अभी जांच चल रही है। व्यवसायियों से पूछताछ की जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि कर चोरी के दौरान फर्जी बिलिंग दिखाई गई और यह घपला 60-70 करोड़ रुपये का पकड़ में आया है, जिसको लेकर विभिन्न स्तरों से जांच चल रही है।
अधिकारियों ने मामले को पूरी तरह से गोपनीय रखा। मीडिया से भी दूरी बनाए रहे। इस बीच जब व्यवसायियों को पता चला कि जीएसटी की टीम जलेसर में है तो उनमें हड़कंप मच गया और अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। शाम तक अफरा-तफरी जैसी स्थिति देखी गई।
यह है मामला
जलेसर के कुछ व्यवसायियों ने 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में माल खरीदा और उस पर नौ प्रतिशत जीएसटी अदा की और उसके बाद आईटीसी रिटर्न भी हासिल कर लिया। टैक्स चोरी का यह मामला पकड़ में आ गया। नौ प्रतिशत जीएसटी पर माल बेच दिया। इसको लेकर फर्जी बिलिंग की गई।
टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग का मामला सामने आया है, जिसको लेकर आधा दर्जन व्यवसायियों से पूछताछ की जा रही है। शीघ्र ही पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
-प्रभाकर शर्मा, डीसी जीएसटी लखनऊ
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