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    Etah News : बच्चों में बढ़ रहे डायबिटीज के मामलों को लेकर UP बोर्ड गंभीर, अब स्कूलों में उठाए जाएंगे ये कदम

    सीबीएसई के बाद यूपी बोर्ड ने भी स्कूलों को शुगर बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को चीनी के नुकसान के बारे में जानकारी देना है। WHO ने टाइप 2 मधुमेह के बढ़ते खतरे पर एडवाइजरी जारी की है। स्कूलों को चीनी खाने पर निगरानी रखने और बच्चों को शिक्षित करने के लिए कहा गया है।

    By pravesh dixit Edited By: Shivgovind Mishra Updated: Sun, 24 Aug 2025 09:34 PM (IST)
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    यूपी बोर्ड के स्कूलों में भी लगाए जाएंगे शुगर बोर्ड। जागरण

    जागरण संवाददाता, एटा । कम उम्र में बढ़ रहे मधुमेह के मामलों को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड के बाद अब यूपी बोर्ड ने भी स्कूलों को शुगर बोर्ड लगा उन्हें प्रदर्शित करने के निर्देश जारी किया हैं। शुगर बोर्ड के जरिए विद्यार्थियों को चीनी से होने वाली हानि, कितनी मात्रा में खाएं आदि की जानकारी मिलेगी।

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    टाइप दो मधुमेह के बच्चों में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एडवाइजरी जारी की है। हालांकि सीबीएसई के स्कूलों में जुलाई में ही इस पर काम शुरू कर दिया, लेकिन अब माध्यमिक शिक्षा परिषद ने संबद्ध विद्यालयों को बच्चों के चीनी सेवन पर नजर रखने और उसे कम करने के लिए ''''शुगर बोर्ड'''' लगाने का निर्देश दिया है।

    अनुपालन कराये जाने के निर्देश 

    इस संबंध में सर्कुलर भी जारी किया है, जिसका अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है पिछले दशक में बच्चों में टाइप दो मधुमेह के मामलों में वृद्धि हुई है, जो पहले मुख्य रूप से वयस्कों में देखा जाता था। बोर्ड ने स्कूल प्रधानाचार्यों को जारी सर्कुलेट में कहा है कि यह खतरनाक प्रवृत्ति मुख्य रूप से चीनी के अधिक सेवन के कारण है, जो अक्सर स्कूल के वातावरण में मीठे स्नैक्स, पेय पदार्थ और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की आसानी से उपलब्धता के कारण होता है।

    चीनी के अत्यधिक सेवन से न केवल मधुमेह का खतरा बढ़ता है, बल्कि मोटापा, दांत की समस्याएं और अन्य चयापचय संबंधी विकार भी होते हैं, जो अंततः बच्चों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। चार से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दैनिक कैलोरी सेवन में चीनी का हिस्सा 13 प्रतिशत है तथा 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यह 15 प्रतिशत है, जो अनुशंसित पांच प्रतिशत की सीमा से काफी अधिक है।

    शिक्षित करने के लिए दी जाएगी जानकारी 

    विद्यालयों को शुगर बोर्ड लगाने के लिए कहा गया है, जिस पर छात्रों को चीनी के अत्यधिक सेवन के जोखिमों के बारे में शिक्षित करने के लिए जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. इंद्रजीत ने बताया है कि इस संबंध में सभी प्रधानाचार्य को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। नोडल प्रधानाचार्य प्रत्येक विद्यालय में शुगर बोर्ड लगाए जाने की स्थिति को सुनिश्चित करेंगे।